सरकार के दावे की पोल खोलती ये रिपोर्ट

दिल्ली में लगातार बढ़ता कोरोना संक्रमण और उससे होती मौतें दिल्ली के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल लोकनायक के लिए परेशानी बन गई है। बता दें कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक दिल्ली में कोरोना से 303 मौतें हो चुकी हैं। ऐसे में सीमित संसाधन और निगमबोध घाट की खराब भट्ठियों के कारण लोकनायक अस्पताल के शवगृह में शवों का ढेर लग गया है। जानिए क्या है लोकनायक अस्पताल और निगमबोध घाट का हाल और क्यों घाट से वापस जा रहे शव…….
शवगृह के एक अधिकारी ने बताया कि लोकनायक अस्पताल स्थित कोविड-19 मॉर्चरी में 108 शव रखे हुए हैं। सभी 80 रैक भरे हुए हैं और 28 शव जमीन पर एक के ऊपर एक पड़े हैं। मंगलवार को आठ शव निगमबोध घाट ने ये कहकर वापस कर दिए थे कि सीएनजी शवदाह भट्ठी में और शवों को दाह करने की क्षमता नहीं है। छह में से सिर्फ दो ही भट्ठियां काम कर रही हैं।दरअसल लोकनायक अस्पताल दिल्ली का सबसे बड़ा कोविड अस्पताल है और उसका शवगृह उन शवों से भरा है जिनकी मौत कोरोना से हुई है या वो कोरोना के संदिग्ध थे। यह सभी शव अलग-अलग पीपीई किटों में पैक हैं। दिल्ली के 16 अस्पतालों में भर्ती 2242 में से 602 मरीज लोकनायक में भर्ती हैं और इस समय यह अस्पताल कोई अन्य मरीज भर्ती नहीं कर रहा है।
अब जब दिल्ली में कुल संक्रमितों की संख्या 15257 हो चुकी है तो एक अस्पताल अधिकारी ने शवगृह की हालत का कुछ ऐसे वर्णन किया है। उसका कहना है कि, हम अब भी पांच दिन पहले जिनकी मौत हुई थी उनका अंतिम संस्कार नहीं कर सके हैं। ऐसे मामलों की संख्या हर दिन बढ़ती ही जा रही है। अधिकारी ने कहा कि, पीपीई किट पहनकर हम धूप में पूरा दिन खड़े रहते हैं और शाम को यह पता चलता है कि अब शवगृह और शव नहीं रख सकता। यहां मंगलवार तक 28 शव एक के ऊपर एक जमीन पर पड़े थे। पिछले हफ्ते इनकी संख्या 34 थी।