सिसोदिया : स्किल यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए भागदौड़ नहीं

दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योर यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को चक्कर नहीं लगाने होंगे, बल्कि खुद यूनिवर्सिटी उनके पास स्कूल जाएगी। यहां दाखिले के लिए विद्यार्थियों को नंबरों की दौड़ में नहीं भागना होगा, बल्कि एप्टीट्यूड टेस्ट से उन्हें दाखिला मिलेगा। कैंपस चयन की तर्ज पर कैंपस दाखिला होगा। पहले वर्ष में डिप्लोमा की 4500 और डिग्री कोर्स की 1500 सीटों पर कुल 6000 विद्यार्थियों को दाखिला मिल सकेगा।
दिसंबर और जनवरी में स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों का एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाएगा, जिसके आधार पर उन्हें यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल जाएगा। उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि देश में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई यूनिवर्सिटी स्कूली विद्यार्थियों के पास दाखिले के लिए जाएगी।
यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों को एप्टीट्यूड टेस्ट के आधार पर दाखिला देगी। सिसोदिया ने कहा कि जो विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित रखते हैं, उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर ही ये तरीका अपनाया गया है। हालांकि विदेशों में टॉप यूनिवर्सिटी और संस्थान इसी तरह के एप्टीट्यूड टेस्ट के आधार पर दाखिला देते हैं।
डीएसईयू की ओर से शुक्रवार को एक वेबिनार आयोजित किया गया। इसमें यूनिवर्सिटी की कार्यशैली, आने वाले सत्र में दाखिले की प्रक्रिया, विद्यार्थियों के लिए बाजार और इंडस्ट्री की मांग पर आधारित कोर्सेज आदि पर भी चर्चा की गई। वेबिनार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, विधायक आतिशी, यूनिवर्सिटी की उपकुलपति निहारिका वोहरा समेत दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य शामिल थे।
सिसोदिया ने वेबिनार में कहा कि पूरे विश्व को कौशल सीखे हुए लोगों की जरूरत है। यह यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों को 21वीं सदी के कौशल में पारंगत करेगी। वोकेशनल स्ट्रीम के विद्यार्थियों को डीयू में दाखिला नहीं मिल पाता है तो इस यूनिवर्सिटी में उनका दाखिला हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने बाजार और इंडस्ट्री की मांग के अनुसार कोर्सेज को तैयार किया है। इससे विद्यार्थियों में उद्यमशीलता तो बढ़ेगी ही, साथ ही उन्हें जॉब के लिए भी भटकना नहीं होगा।