टीकाकरण में 50 फीसदी कमी, दिल्ली में बंद हुए 500 से ज्यादा केंद्र

दिल्ली में कोरोना वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण में काफी गिरावट आई है। पिछले एक दिन की तुलना में 50 फीसदी कम टीकाकरण बुधवार को हुआ है। बीते मंगलवार को 1.29 लाख खुराक दी गई थीं। जबकि बुधवार शाम 6 बजे तक केवल 64 हजार खुराक ही दी गईं। वैक्सीन की कमी के चलते स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार कोवाक्सिन लेने वालों के लिए केवल 20 फीसदी खुराक ही इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। विभाग ने बताया कि बीते दिन कोवाक्सिन की 30530 खुराक उपलब्ध हुई हैं।
बीते मंगलवार तक दिल्ली सरकार के पास 2.46 लाख खुराक कोवाक्सिन की उपलब्ध थीं लेकिन कोविशील्ड की केवल 63840 खुराक मौजूद थीं जिनमें से अधिकांश खुराक का इस्तेमाल बुधवार को हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि वैक्सीन की कमी के चलते कई टीकाकरण केंद्रों को कुछ समय बाद बंद करना पड़ा है। एक तरफ लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण को बढ़ाना जरूरी है। वहीं दूसरी ओर वैक्सीन न होने से केंद्रों पर लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार के अनुसार अब एक दिन का भी भंडारण उपलब्ध नहीं है। बृहस्पतिवार के लिए उनके पास कोविशील्ड की चंद खुराक ही हैं। अभी तक सिर्फ 90.98 लाख लोगों को ही वैक्सीन दी जा चुकी हैं। इनमें से केवल 21.31 लाख लोग ही बीते छह महीने में दोनों खुराक लेकर टीकाकरण पूरा कर पाए हैं। वहीं अब वैक्सीन की भारी किल्लत के चलते 500 से ज्यादा टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में वैक्सीन की भारी किल्लत है। फिलहाल सरकार के पास कोविशील्ड की खुराक नहीं हैं। कोवाक्सिन की खुराक उपलब्ध हैं लेकिन इसकी आपूर्ति को लेकर काफी लापरवाही देखने को मिल रही है। इसलिए सरकार ने पहली बार वैक्सीन लेने वालों के लिए कोवाक्सिन के कुल भंडारण का केवल 20 फीसदी ही इस्तेमाल करने के आदेश दिए हैं। बाकी 80 फीसदी खुराक उन लोगों के लिए इस्तेमाल होगी जिन्हें दूसरी खुराक मिलना जरूरी है। दिल्ली सरकार का यह भी कहना है कि वैक्सीन की कमी की वजह से दिल्ली में करीब 500 से ज्यादा केंद्रों को बंद करना पड़ा है लेकिन जैसे ही वैक्सीन मिल जाएगी तो इन सभी सेंटर को फिर से खोल दिए जाएगा। सरकार के पास टीकाकरण की क्षमता है और उसको,तीन से चार लाख वैक्सीन रोजाना चाहिए। सरकार का दावा है कि वैक्सीन मिल जाए, तो खूब वैक्सीन लगाने के लिए तैयार हैं। वैक्सीन की कमी के चलते ही बार-बार केंद्रों को बंद करना पड़ रहा है।