आकाश अस्पताल में हुई दुर्लभ सर्जरी

देश की राजधानी दिल्ली मां की ममता और त्याग की साक्षी बनी है। बेटी को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए उसकी मां ने हड्डी दान की है जिसके बाद डॉक्टरों ने दुर्लभ ऑपरेशन के जरिए जान बचाने में कामयाबी भी हासिल की। द्वारका स्थित आकाश अस्पताल में 12 वर्षीय कशिश को भर्ती कराया गया था जहां उसे गंभीर ऑस्टियोमाइलाइटिस नामक हड्डी से जुड़ी दुर्लभ परेशानी की पुष्टि हुई। बच्ची स्कूल में कराटे खेलती थी और उसी दौरान चोट लगने की वजह से उसे दर्द शुरू हुआ था। डॉक्टरों के अनुसार हड्डी का करीब 15 सेंटीमीटर हिस्सा खराब हो गया था जिसे मां के जरिए हासिल किया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि जांघ की हड्डी इंसान के पूरे शरीर में सबसे लंबी और मजबूत मानी जाती है। बच्ची को चोट लगने के बाद यहां दर्द और सूजन की परेशानी होने लगी थी। उसके रक्त में संक्रमण साफ पता चल रहा था और इन सब कारणों के चलते उसका चलना फिरना भी बंद हो गया था।
डॉ. आशीष चौधरी ने बताया कि सर्जरी के पहले चरण में फीमर की हड्डी के मृत हिस्से को हटाया और उस जगह पर एक एंटीबायोटिक स्पेसर रखा। 6 सप्ताह बाद स्पेसर हटा दिया और सर्जरी के दूसरे चरण में उसकी मां से लिए फाइबुला ग्राफ्ट को प्रत्यारोपित किया गया।