नेताजी का भाषण स्थल दिल्लीवालों के लिए बन गया है तीर्थस्थल

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दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास टीकरी कलां स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस का संबोधन स्थल देश आजाद होने के बाद से दोनों राज्यों के सीमावर्ती गांवों के ग्रामीणों के बीच तीर्थस्थल के रूप में कई यादें संजोए हुए है। यहां प्रतिवर्ष 23 जनवरी को उनकी जयंती के अवसर पर ग्रामीण उन्हें याद करने पहुंचते हैं। इतना ही नहीं, ग्रामीणों की आस्था को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इस स्थल को आजाद हिंद ग्राम के रूप में विकसित कर दिया है, जिसमें उनसे जुड़ी तमाम जानकारी उपलब्ध है। यहां पर एक बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस भी आई हैं।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश को आजाद कराने की अपनी मुहिम के दौरान देशवासियों में आजादी की अलख जगाने के लिए रोहतक स्थित टीकरीकलां में एक बरगद के पेड़ के नीचे भाषण दिया था। बताया जाता है कि उनका देश में यह अंतिम भाषण था। इसके बाद वे विदेश चले गए थे और वहां पर आजाद हिंद फौज का गठन करके आजादी की लड़ाई आरंभ की थी।

देश आजाद होने बाद से दिल्ली व हरियाणा के ग्रामीण और आजाद हिंद फौज के सैनिक यहां पर प्रतिवर्ष नेताजी की जयंती मनाने के लिए 23 जनवरी को जुटने लग गए। इस दौरान वे नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित करते और रागणियों के माध्यम से उनकी बहादूरी के किस्से सुनाते थे। वर्ष 1995 में दिल्ली सरकार ने इस स्थल को नेताजी की याद में विकसित करने का निर्णय लिया और करीब तीन साल के अंदर इस स्थान को आजाद हिंद ग्राम के तौर पर विकसित किया।

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