कांग्रेस ने भाजपा के सदस्यता अभियान पर उठाया सवाल

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी इन दिनों देशभर में सदस्यता अभियान चलाकर लोगों को पार्टी से जोडऩे में लगी है, लेकिन इसी सदस्यता अभियान के भरवाए जा रहे फॉर्म ने मध्य प्रदेश की राजनीति में विवाद खड़ा कर दिया है। इस फॉर्म में भाजपा सदस्यता लेने वालों से उनकी जाति के बारे में भी पूछ रही है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के पीछे यह दावा किया गया था कि भारतीय जनता पार्टी को जातिगत समीकरणों से ऊपर जाकर सभी जाति और वर्ग के लोगों ने वोट दिए हैं।
देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला राज्य उत्तर प्रदेश जो कि जातिगत समीकरणों की सबसे बड़ी प्रयोगशाला भी है, वहां पर भी पिछले दो लोकसभा चुनाव और इस बीच हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा को सभी जातियों के वोट मिले उसे देखकर यही लगा कि भाजपा ने वाकई देश में जातिगत वोट बैंक की राजनीति को कहीं पीछे छोड़ दिया है, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी देशभर में इन दिनों जो सदस्यता अभियान चला रही है उस में सदस्यता लेने के लिए भरवाए जा रहा फॉर्म में लोगों से उनकी जाति का वर्ग भी पूछा जा रहा है।
भाजपा के सदस्यता अभियान के फॉर्म में नए सदस्यों से यह पूछा जा रहा है कि वह किस जाति वर्ग से संबंध रखते हैं। फॉर्म में बकायदा इसके लिए 5 विकल्प भी दिए गए हैं जिसमें नए बनने वाले सदस्य को यह बताना होगा कि वह सामान्य, ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अन्य जाति वर्ग से है।