ये संसद है या कोई बाग बगीचा आजम खान ने क्या समझ रखा है..!?

किसी ने क्या खूब कहा है…ये आँखे देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते है… और एक गीत ये भी है-ये रेशमी जुल्फे ये शरबती आँखे इन्हें देख कर जी रहे है सभी…! ये गीत सुनमें सुमधुर लगते है ये गीत बाग़ बगीचे में बहारो के साथ सुननेमे दिल को अच्छे लगते है लेकिन जब इसी गीत के किसी शब्द को लेकर लोकतंत्र के मंदिर समान लोकसभा में किसी सांसद द्वारा सभापति के स्थान पर बैठे सिनियर महिला सांसद को सुनाये तो कैसा लगेगा…? कुछ ऐसी ही हरकत की है सपा के सिनियर सांसद आझमखान ने। उन्होंने अध्यक्ष के स्थान पर बिरैजमान भाजपा की महिला सांसद रमादेवी के बारे में सदन में ये कहा की- आप मुझे इतनी अच्छी लगती हो की मेरा मन करता है की आप की आंखों में आंखे डाल कर देखता ही रहुं…! आझमखानने सदन को क्या कोइ बाग बगीचा समझ रखा है क्या..? क्या रमादेवी को वे कीसी बाग में बैठे नजर आये…?
लोकसभा लोकतंत्र में एक वो जगह है जहा देश के चुने हुए जनप्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याए लेकर आते है और संसद में रखते है ताकि सरकार उनपर उचित कार्यवाही करे। आजम खान भी एसे ही एक चुने हुए सांसद है और उनके निर्वाचन क्षेत्र रामपुर की समस्याए भी हो सकती है लेकीन उन्हें संसद में रखने के बजाय मजनू बन कर महिला सभापति के बारे में इस तरह किसी टपोरी की भाषा में अभद्र टिप्पणी करना ये कितना उचित है। आजम खान पहली बार चुन कर लोक सभा में नहीं पहुचे है। वे एक सीनियर सांसद है उन्ही की पार्टी में रहने वाली फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा के बारे में भी आजम खान ने उलटी सुलटी बाते कही थी। उस वक्त जयाप्रदा ने आजम्खन को नापते हुए महिलाओ को चेताया था की उनकी आँखे एक्सरे जैसी है। चरित्र ढीला ढला है और वे कुछ भी किसि के भी बारे में बोल सकते है। रमा देवी के बारे में टिप्पणी करके आजमा खान ने जायाप्रदा को सही ठहराया है और यह भी साबित किया की चाहे कुछ भी हो जाये नहीं सुधरेगे। भला सदन में कोई एसी बाते करता है क्या..वे सदन को क्या समझ बैठे है..सदन की कार्यवाही लाइव टेलीकास्ट की जाती है तब देश के करोड़ो लोगो ने उनकी अभद्र टिपण्णी सुनी होगी जिसमे वे किस तरह बुजुर्ग महिला की अभद्र मजाक उडा रहे है..सपा के मुखिया अखिलेश यादव को इस घटने के बाद आजम खान जैसे मनचलों से संभालना होगा क्योकि इस तरह के चरित्र वाले लोग कही भी कुछ भी किसी के भी बारे में बोलने में हिचकिचाते नहीं है…आजम खान को चाहिए की अभद्र टिप्पणी के लिए सदनमे ही रमा देवी से और सदन से माफ़ी मांगनी चाहिए वे समझ ले की ये संसद है। उनके रामपुर का बाग़ बगीचा नहीं है। लाल टोपी सावधान साथ में अखिलेश यादव भी वरना जैसे मायावती से मुहकी खानी पड़ी वैसे आजम खान भी सपा की किरकिरी करने में या कराने में तनिक भी समय नहीं गवायेगा।