किडनी प्रत्यारोपण के मामले में घिरा अपोलो अस्पताल

भुवनेश्वर :
नगर स्थित अपोलो अस्पताल पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने प्रतिकूल टिप्पणी की है। मानव अंग प्रत्यारोपण कानून-1994 की धारा 16 के अनुसार एनएचआरसी ने मुख्य सचिव को इस अस्पताल का लाइसेंस रद करने की प्रक्रिया आरंभ करने तथा 6 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। एनएचआरसी ने पीड़ित पक्ष को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने को भी कहा है।
मामला वर्ष 2016 का है। अपोलो अस्पताल द्वारा राघव राम दोरा नामक मरीज के किडनी प्रत्यारोपण के लिए अनुमति मांगी गई थी। अस्पताल को दोरा के संपर्की जयराम दोरा की किडनी प्रत्यारोपित की अनुमति दी गई थी। लेकिन अस्पताल ने अनिल स्वामी नामक व्यक्ति की किडनी प्रत्यारोपित किया। इस मामले को लेकर एनएचआरसी में शिकायत किए जाने के बाद कार्रवाई हुई है।
एनएचआरसी ने जांच में पाया कि अस्पताल ने नियमों का उल्लंघन करते हुए किडनी प्रत्यारोपित की है और इस पूरे प्रकरण में राज्य सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए गये हैं। एनएचआरसी के निर्देश के बाद आपोलो अस्पताल की समस्या बढ़ती दिख रही है। उल्लेखनीय है कि अपोलो अस्पताल ऐसे भी अक्सर चर्चा में बना रहता है। कभी बिल को लेकर तो कभी इलाज में कोताही को लेकर यह अस्पताल चर्चा में रहा है। आचार्य बिहार-नंदनकानन मार्ग पर स्थित इस अस्पताल के सामने हमेशा गाड़ियों की कतारें लगी रहती हैं जो यातायात समस्या उत्पन्न करती हैं।