जिला अधिकारी अधीनस्थों के कार्यो कि तय करें प्राथमिकता

गुना
जन-शिकायतों एवं समस्याओं के निराकरण के प्रति कार्यालय प्रमुख संवेदनशील रहें। अधीनस्थों के कार्यो की प्राथमिकता तय करें। जन-शिकायतों एवं समस्याओं के निराकरण के लिए विभागीय टीम बने। जनता के बीच छवि साफ-सुथरी रहे। इस उद्देश्य से पारदर्शी रहें। ईमानदार हैं तो दिखने भी चाहिये। यह निर्देश आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में नवागत कलेक्टर श्री एस.विश्वनाथन ने जिला अधिकारियों कि आयोजित बैठक में दिए।
उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं नगरीय निकाय को उनके क्षेत्रांतर्गत ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट कि स्थिति निर्मित नही हो, के लिए वर्षा ऋतु आने तक कि कार्य योजना बनाने तथा समस्त नलजल प्रदाय योजनाएं एवं हेण्डपंप दुरूस्त रहने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य विभाग कि समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देशित किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से नागरिकों को सुरक्षा एवं रोग-निदान कि व्यवस्था पुख्ता रहे। सर्दी-खांसी के मरीजों के लिए अलग से ओपीडी स्थापित हो और आईसोलेशन वार्ड खुले और सक्रिय रहें। उन्होंने कहा कि केरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी एवं सतर्कता बरती जाए तथा खांसी-जुखाम के आने वाले रोगियों कि हिस्ट्री देखी जाए। उन्होंने ऐसी ही व्यवस्था जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी करने के निर्देश दिए। इस हेतु उन्होंने स्वास्थ्य विभाग का संबंधित अमला, बीएमओ एवं निजी चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिए जाने के निर्देश भी दिए।
आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों कि समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि जिले के सभी छात्रावास-आश्रम व्यवस्थित संचालित हों। टॉयलेट्स गंदी नहीं रहें, छात्रावास कि रसोई स्वच्छ रहे और बच्चों कि भोजन व्यवस्था सुदृढ़ एवं गुणवत्तापूर्णं रहे, पर विशेष ध्यान रखना संबंधित सुनिश्चित रखें। उन्होंने जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया कि बोर्ड की परीक्षाओं के मद्देनजर कड़ी निगरानी रहे, छोटी-छोटी गलतियों पर नजर रहे और परीक्षा केन्द्र चेक किए जाएं।
उन्होंने कहा कि राजस्व प्ररकणों का निराकरण 90 प्रतिशत से ऊपर रहे तथा रीडरों का प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाए। उन्होंने 6 माह से अधिक लंबित प्रकरणों को शीघ्र निराकरण करने के लिए विशेष ध्यान देने के निर्देश भी राजस्व अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के कार्यो के लिए वर्तमान में उपयुक्त समय है। उन्होंने तालाब गहरीकरण, जीर्णोद्वार एवं भू-जल स्तर में वृद्धि के लिए कार्ययोजना बनाने, अमल में लाने तथा भू-जल स्तर में वृद्धि के कार्यो पर विशेष ध्यान देने के निर्देश सर्वसंबंधितों को दिए।