प्राचीन भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति से उत्तम स्वास्थ्य प्रदान कर रहा है अमृत आयुर्वेद केन्द्र
डांग
अमृत आयुर्वेद हेल्थ केयर सेन्टर सापुतारा की मनमोहक नयनरम्य और प्राकृतिक वातावरण के बीच तन मन से तंदुरुस्त रहने तथा ताजगी प्राप्त करने का उत्तम स्थान है। केरल के विशेषज्ञ, अनुभवी थेरॉपिस्ट के पास केरली की पद्धति से आयुर्वेद डॉक्टर की देखरेख में पंचकर्म करने से तन मन में ताजगी का अनुभव होता है। शरीर और मन रिजार्च हो जाता है। तंदुरुस्ती ही असली संपत्ती है का ध्येय चरितार्थ करने, डांग जिला आयुर्वेदिक फार्मसी आहवा द्वारा संचालित अमृत आयुर्वेदिक केन्द्र में केरल के प्रसिद्ध विविध प्रकार के पंचकर्म पैकेज उपलब्ध हैं। नाडी परीक्षण और प्राथमिक जांच के बाद विविध प्रकार का उपचार दिया जाता है। जिसमें मुख्यत: अभ्यंगम- शरीर की आषधीय तेल द्वारा मालिस करने से रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है और जोड़ों के दर्द से मुक्ति मिलती है।
- शिरोधारा :- मानसिक समस्याओं के निवारण के साथ सिर दर्द, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, दम जैसे रोगों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही तन मन भी शांत रहता है।
- पीजोचील :- तनाव मुक्ति, डिप्रेशन, लकवा, जातीयता संबंधित रोग, न्युरोजिकल डीसओर्डर, जोड़ों के दर्द में उपयोगी है।
- किजी :- शरीर में से पसीना निकाला जाता है। त्वचा रोग, कोलेस्ट्रोल, जोडो के दर्द की बीमारी दूर होती है।
- उध्वर्धनम :- सिर दर्द, मोटापा, लकवा, अपच, न्युरो थेरापी वगैरह में यह खूब उपयोगी है।
पंचकर्म के अलग अलग पैकेज यहां उपलब्ध हैं। इसके उपरांत रिज्युवीनेशन के दैनिक, साप्ताहिक, मासिक पैकेज होते हैं। चिंता अनिद्रा, सिर दर्द, दृष्टि, बाल की समस्याओं का समाधान, रिलेक्शन, शरीर से खराब तत्व बाहर निकलने, वजन घटाने, सौंदर्य बढ़ाने,युवानी प्राप्त करने, सोरायसिस आर्थराइटीस वगैरह की समस्याभी भी केरल की आयुर्वेदिक पद्धति से निवारण किया जाता है। डांग िजला आयुर्वेदिक फार्मसी आहवा द्वारा बनाई जाने वाली आयुर्वेदिक औषधियां जैसे कि पंचगुण तेल, केश शुद्धि पावडर, शक्तिमान टेबलेट, भी यहा मिलता है।
उल्लेखनीय है कि किसी भी प्रकार की औषधि का उपयोग करने से पहले विशेषज्ञों का सलाह लेना जरुरी है। सापुतारा के सुन्दर प्रदूषणमुक्त वातावरण में अमृत आयुर्वेद सेन्टर के स्वच्छ और मोहन वातावरण में पहाड़ की तलहटी में तन मन से तंदुरुस्त और ताजगी से भरपूर रहने के लिए मुलाकात लेना जरुरी है। रहने की सुन्दर व्यवस्था और कसरत के लिए जिम भी उपलब्ध है। डांग जिला आयुर्वेदिक फार्मसी की शुरुआत डांग स्वराज आश्रम आहवा में 1982 में की गई थी। उस समय छोटे स्तर पर आयुर्वेदिक दवाओं का उत्पादन होता था। लेकिन समायंतर पर आहवा की आयुर्वेदिक फार्मसी आज वटवृक्ष बन गई है।
सहकारी मंडली लि के सदस्य, तथा सरकारी की सहायता से प्रगति के पंथ पर यह लगातार आगे बढ रही है। यह आयुर्वेदिक औषधि के निर्माण तथा प्रचार प्रसार के साथ अमृत आयुर्वेद सापुतारा के भगीरथ कार्य मेंं वैद्य एजी परमार, डॉ एसके नंदा, (आईएएस), फार्मसी के मंत्री हितेन्द्र पटेल, प्रमुख सोन्या भाई भोये, तथा समग्र फार्मसी परिवार के छोटे बड़े कामदार व सदस्यों का भी योगदान है। उनके प्रयास से आज डांग जिले में आहवा स्थित आयुर्वेदिक फार्मसी तथा सापुतारा में अमृत आयुर्वेद हेल्थकेयर सेन्टर प्रगति के पथ पर सर्वे भवन्तु सुखीन:, सर्वे भवन्तु निरामया के ध्येय के साथ आगे बढ़ रही है।