लॉकडाउन में फंसे मजदूरों ने कठिनाईयों को जीविकोपार्जन के अवसर में किया परिवर्तित

लॉकडाउन में फंसे मजदूरों ने कठिनाईयों को जीविकोपार्जन के अवसर में किया परिवर्तित
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छतरपुर

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए छतरपुर शहर के बड़ी बगराजन मंदिर के पास स्थित रावत स्टील फैक्ट्री का कार्य 20 मार्च को बंद कर दिया गया था और लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री में काम करने वाले बाहर से आए हुए मजदूर अपने राज्य वापस नहीं जा पाए, इसलिए उन्हंे वहीं रूके रहना पड़ा। जैसे-जैसे लॉकडाउन की अवधि बढ़ती गई इन मजदूरों की दिक्कतें भी बढ़ती गई पर इनकी सकारात्मक सोच और मेहनत ने कोरोना वायरस के कारण इनकी जीवन में आई कठिनाईयों को इनके लिए एक नए अवसर के रूप में परिवर्तित कर दिया।

जैसे ही इन मजदूरों को पता चला कि स्टील फैक्ट्री के पास स्थित अग्रवाल एग्रो वेयर हाउस में गेहूं उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया गया है। इन्होंने बिना किसी देरी के वेयर हाउस जाकर अपनी सेवाएं प्रदान करने की इच्छा जाहिर की। स्टील फैक्ट्री में काम करने वाले इन मजदूरों की उपार्जन केन्द्र में मजदूरी करने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है। एक मजदूर रामू सिंह उ.प्र. के फतेहपुर जिले की खागा तहसील के निवासी हैं। उन्होंने बताया गया कि लॉकडाउन के कारण वह काफी परेशान हो गए थे और प्रत्येक छोटी मदद के लिए भी मालिक पर निर्भर थे। रामू कहते है कि गेहूं उपार्जन के कार्य में योगदान देकर वह आर्थिक रूप से सक्षम बन रहे है। अब परिवार के भरण-पोषण में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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Admin

Shivam Dubey

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