टीएल बैठक में अनुपस्थित रहने पर झुण्डपुरा के सीएमओ का 5 दिन का वेतन काटने के निर्देश
- कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन, टाइम लिमिट पत्रों की समीक्षा की
मुरैना : कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने समस्त जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है कि कोरोना लॉकडाउन के समय लंबित हुये कार्यों के निष्पादन में तेजी लायें। अधिकतर सीएम हेल्पलाइन एवं टाइम लिमिट के पत्रों पर अधिकारी विशेष ध्यान दें, जिससे उनकी संख्या में इजाफा न हो सके। टीएल बैठक में झुण्डपुरा सीएमओ बिना सूचना के अनुपस्थित है। इस पर कलेक्टर ने 5 दिवस का वेतन काटने के निर्देश दिये। यह निर्देश उन्होंने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में चल रही बैठक के दौरान दिये। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री तरूण भटनागर, एसडीएम, अम्बाह, मुरैना, जौरा, नगर निगम कमिश्नर सहित संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि विभागों मंे अधिकतर सीएम हेल्पलाइन एवं मेरे द्वारा टाइम लिमिट में निराकरण करने वाले पत्र अधिक मात्रा में कोरोना के कारण इकट्ठे हो चुके है। अधिकारी लंबित पत्रों का शीघ्र निराकरण करें। इस कार्य को कम्प्यूटरों एवं अधीनस्थों पर न छोड़े। उन्होंने बताया कि पोरसा सीईओ की सीएम हेल्पलाइन 109, अम्बाह सीईओ की 75, मुरैना की 13, पहाडगढ़ की 96 और सबलगढ़ की 85 सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर लंबित है। कलेक्टर ने कहा कि समस्त जनपदों के अन्तर्गत द्वितीय फेस में 120 गौशालाओं का निर्माण कार्य किया जाना है। इसके लिये समस्त जनपद सीईओ अपने-अपने क्षेत्र की 20-20 गौशालाओं के प्रस्ताव बुधवार 10 जून तक प्रस्तुत करें।
ऐसा न हो ए.एस. जारी होने के बाद भूमि में चेन्ज करना पड़े। यह कतई बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि निगम के द्वारा अतरसुमा में 240 आवास निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है। विद्युत अधिकारी इनमें कनेक्शन देने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वृक्षारोपण, फल उद्यान स्थलों का चयन करें। जिससे बरसात के समय में पौधे लगाये जा सकें। बैठक में सिंचाई विभाग द्वारा सीएम हेल्पलाइन को खोलकर नहीं देखने के आरोप में श्री एसके वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। बैठक में जिला सीईओ श्री तरूण भटनागर ने कहा कि मंदिर कुंज, शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण, सरोवर का निर्माण किया जाना है। इसके लिये जिले में 10 एकड़ भूमि ऐसी है, जिसमें वृक्षारोपण सरोवर का निर्माण किया जाना है।