कागजी कार्यवाही से नहीं होगा भूकंप का समाधान

केवल कागजी कार्यवाही और परामर्श करने से भूकंप के खतरे का समाधान नहीं होगा बल्कि इसके लिए धरातल पर काम करने की जरूरत है ताकि लोगों को भारी तबाही से बचाया जा सके।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी तथा न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने सरकारी अधिकारियों तथा जनता को इस मुद्दे पर जागरूक करने का निर्देश दिल्ली सरकार को दिया है। खंडपीठ ने यह निर्देश अधिवक्ता अर्पित भार्गव की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। यह याचिका 2015 से लंबित चल रही है। याचिका पर सुनवाई के दौरान याची ने हाईकोर्ट का एक मई 2019 का वह आदेश भी पेश किया जिसमें शहरी विकास विभाग तथा नागरिक निकायों से विस्तृत कार्य योजना मांगते हुए निकायों की जिम्मेदारी तथा अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों की जानकारी मांगी गई थी।
याची ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने कार्य योजना का प्रचार नहीं किया और बडे़ भूकंप के दौरान खुद को बचाने के उपायों की जानकारी दिल्ली वालों को नहीं है। हाईकोर्ट ने इन बातों पर गौर करते हुए दिल्ली सरकार से हलफनामा मांगते हुए पूछा कि इस दिशा में उसने अब तक क्या किया और कितने समय में आगे क्या किया जाना है।