बाबा कांशी के योगदान को भूल गईं सरकारें

पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम की आज पुण्यतिथि है। देश की आजादी के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने जेलों में अंग्रेजी हुकूमत की यातनाएं झेलीं। वाबजूद इसके उनकी कुर्बानियों को वह सम्मान नहीं मिल पाया। जिसके वह हकदार थे। सरकारी घोषणाओं के बाद उनका पुश्तैनी घर आज भी खंडहर बना है। अब बाबा कांशी राम के पैतृक घर को स्मारक बनाने की कवायद शुरू हो गई है। एसडीएम देहरा धनवीर ठाकुर ने बताया कि वे अपनी टीम सहित 22 जून को निरीक्षण करने के लिए गए थे तथा उन्होंने इसकी रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग को भेज दी है। बाबा कांशी राम के पौत्र विनोद शर्मा ने बताया कि 11 जुलाई 2018 को घर का अधिग्रहण कर स्मारक बनाने की घोषणा हुई थी।
बावजूद इसके इसे स्मारक बनाने की दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया। 11 जुलाई 2018 को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम के डाडासीबा के पास लगते गांव गुरनवाड़ स्थित उनके जर्जर पड़े पुराने घर का जीर्णोद्धार कर इसे स्मारक के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा की थी। इसी तरह 10 जुलाई 2017 को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उनके पुश्तैनी घर को अधिग्रहण कर स्मारक बनाने की घोषणा की थी। मगर यह निर्णय भी फाइलों तक सीमित रहा। वहीं, वर्ष 2007 में भाषा एवं संस्कृति विभाग ने भी बाबा कांशी राम के परिजनों से पुराने मकान के अधिग्रहण की बात की थी। मगर इस पर भी कोई अमल नहीं हो पाया है।