कैसे लगेगी फर्जी कॉल्स पर लगाम?

राहुल अपने एक परिजन की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार की क्रिया में भाग लेने श्मशान घाट पर आये हुए हैं। अंतिम संस्कार की क्रिया चल ही रही है कि इसी बीच उनके मोबाइल फोन की घंटी बजती है। अपने किसी नजदीकी रिश्तेदार का फोन होने की उम्मीद में वे कॉल उठाते हैं और उधर से एक लड़की की आवाज आती है- हैलो सर, मैं फलां कंपनी से संजना बोल रही हूं। क्या आप पर्सनल लोन लेना चाहेंगे?
सोचिए कि ऐसे संवेदनशील समय में इस तरह की कॉल आने पर राहुल पर क्या बीती होगी? यह कहानी झूठी है, लेकिन हम सब इस तरह की अनचाही कॉल्स से परेशान हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) 18 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में बताएगी कि इस तरह की फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए वह क्या कर रही है।
दरअसल, इस तरह की कॉल्स से देश ही नहीं दुनिया भर के फोन उपभोक्ता परेशान हैं। कई देशों में इन्हें रोकने के लिए कानून बन चुके हैं, और वहां पर अब इस तरह के कॉल नहीं आते। भारत में भी ट्राई ने इन बेलगाम कॉल्स और मैसेजेज पर प्रतिबंध लगाने के लिए काम किया है, इसके लिए 2016 में उपभोक्ताओं को ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ नंबर पर स्वयं को रजिस्टर करने की सुविधा दी गई थी, लेकिन सच्चाई यह है कि इसके बाद भी अभी तक इस तरह की कॉल्स से लोगों को आजादी नहीं मिली है।
लेकिन ट्राई अब इस तरह के कॉल्स और संदेशों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए गंभीरता से काम कर रहा है। उसने इसके विषय में टेलिकॉम कंपनियों से सलाह भी मांगी है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्दी ही आपको इस तरह की कॉल्स से आजादी मिल सकती है।