दिल्ली-सहारनपुर रेल मार्ग पर दौड़ेगी ईएमयू

दिल्ली-सहारनपुर रेल मार्ग पर दौड़ेगी ईएमयू
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दैनिक यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। मिशन रफ्तार के तहत जल्द ही दिल्ली-सहारनपुर रेल सेक्शन पर और अधिक इलेक्ट्रिक मल्टिपल यूनिट (ईएमयू) ट्रेन चलेगी। दो महीने बाद इलेक्ट्रिक ट्रैक पर अधिक कोच वाली ट्रेन पूरी रफ्तार से चलेगी। इतना ही नहीं सहारनपुर-मेरठ सिटी-गाजियाबाद सेक्शन पर होने वाली भीड़ भी अब कम होगी। दरअसल इस सेक्शन में रेलवे अक्तूबर महीने में विद्युतीकरण के काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जिससे ज्यादा संख्या में ईएमयू चलेगी व दैनिक यात्रियों के आवागमन में तीव्रता मिलेगी।

दिल्ली रेल मंडल का ब्राडग्रेज रेल लाइन पूरे तरह से अक्तूबर तक विद्युतिकृत हो जाएगा। 142 किलोमीटर लंबे नोली-शामली-टपरी सैक्शन के बचे हुए लंबित प्रोजेक्ट को एक मिशन की तरह पूरा करने का काम किया जा रहा है। 2016-2017 में 159.24 करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को दो महीने बाद पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दो महीने बाद दिल्ली-सहारनपुर रेल सेक्शन तेज रफ्तार चलेगी ट्रेन चलेगी तो  दिल्ली रेल मंडल शत-प्रतिशत डीजल मुक्त हो जाएगा। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण में कमी आएगी।

पांच स्टेशन के रूके प्रोजेक्ट का काम होगा पूरा
खेकड़ा, बागपत रोड, बड़ौत, कासिमपुर खेड़ी, कांधला और शामली स्टेशनों वाले नोली-शामली सेक्शन गति परीक्षन के बाद परिचालन शुरू किया गया है। हिन्द, थानाभवन, ननौता, रामपुर मनिहारन, मनानी समेत पांच प्रमुख स्टेशनों वाले शामली-टपरी सेक्शन के विद्युतिकरन का काम अकतूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

किसे मिलेगा फायदा

  • दिल्ली मंडल शत-प्रतिशत डीजल मुक्त हो जाएगा।
  • दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस सेक्शन पर खाद्यान्न चीनी और उर्वरक के परिचालन में वृद्धि होगी।
  • मुजफ्फरनगर-मेरठ सिटी-गाजियाबाद होकर गुजरने वाले यातायात को इस रेलमार्ग से भेजा जा सकेगा।
  • सहारनपुर-मेरठ सिटी-गाजियाबाद सैक्शन पर होने वाली भारी भीड़ को कम किया जा सकेगा।
  • दैनिक यात्रियों के लिए दिल्लीसहारनपुर सेक्शन पर और अधिक ईएमयू चलेगी।
  • दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
  • ट्रेनों की गतिसीमा में भी वृद्धि होगी।
  • नोली-टपरी सेक्शन में बिना इंजन बदले ट्रेन चलेगी।

आधुनिक तकनीक को अपनाकर सिगनल और दूरसंचार प्रणालियों को बेहतर किया जा रहा है। परंपरागत सिगनल प्रणाली के स्थान पर कलर लाइट सिगनल प्रणाली लगाई जा रही है। कलर लाइट सिगनलों के उपयोग से चलती रेलगाड़ी के लोको पायलटों की सिगनल दृश्यता बेहतर होती है। परंपरागत टोकन प्रणाली को भी हटा दिया गया है। ऑप्टिकल फाइबर केबलें तांबे की नहीं हैं अत: इनके चोरी होने की संभावना भी नहीं है। ओपन एक्सेस के माध्यम से सस्ती दरों पर बिजली की खरीद की जा सकती है। नोली-शामली-टपरी सैक्शन के विद्युतीकरण का कार्य पूरी गति पर है। इसके अक्टूबर तक शुरू होने की पूरी उम्मीद है।
-आशुतोष गंगल, महाप्रबंधक उत्तर रेलवे

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