ठगी का गिरोह चला रहा था नाइजीरियन

दिल्ली की दो महिलाएं थीं शामिल
सोशल मीडिया के जरिये युवक-युवतियों को ठगी के जाल में फंसाने वाला नाइजीरियन ओकुवारिमा मोसिस पिछले दो वर्षों से अवैध तरीके से भारत में रह रहा था। 2019 में ही उसके वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी। मोसिस नाइजीरिया से आने के बाद दिल्ली निवासी मिंडी और जेसिका नाम की युवतियों के संपर्क में आया। मिंडी और जैसिका भारतीय हैं। दोनों ने मिलकर ठगी का गिरोह बनाया। कुछ और भारतीय भी ठग गैंग में शामिल हो गए। नाइजीरिया में बैठे मोसिस के दो और दोस्त भी गैंग में शामिल हो गए। वह बैंक एकाउंट व लेनदेन को व्यवस्थित करते हैं। इन चारों ने मिलकर सैकड़ों लोगों को निशाना बनाया है।
पुलिस ने नवाबगंज थाने में मोसिस के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत भी एफआईआर दर्ज कर उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है। नाइजीरिया दूतावास को भी इस संबंध में जानकारी दी गई है। क्राइम ब्रांच ने शनिवार को नोएडा-दिल्ली बॉर्डर से उसे पकड़ा था। नवाबगंज इंस्पेक्टर देवेंद्र दुबे ने बताया कि विदेश मंत्रालय को कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी ई-मेल के जरिये दे दी गई है। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
मिंडी को बनाया आरोपी, जल्द होगी गिरफ्तारी
आरोपी मोसिस साइंस से स्नातक है। शादीशुदा भी है। उसकी पत्नी नाइजीरिया में रहती है। पुलिस ने उसके परिवार से भी संपर्क किया है। पुलिस ने उसकी सहयोगी मिंडी को भी केस में आरोपी बनाया है। गैंग सोशल साइट्स पर जिन लड़कों को जाल में फंसाते थे उनसे कॉल पर मिंडी और जेसिका ही बात करतीं थीं। यही नहीं मिंडी और जेसिका ही कस्टम अफसर बनकर लोगों को डराती धमकातीं थीं। जिससे लोग पैसे देने को तैयार हो जाते थे। पुलिस को शक है कि मिंडी और जेसिका ने मोसिस को अपना असली नाम नहीं बताया होगा। वहीं हाईटेक ठगी के इस केस की जांच क्राइम ब्रांच ही करेगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।