कानों में भी हो रहा है फंगस

बारिश के मौसम में सावधानी की जरूरत
कोरोना संक्रमण के घटते मामलों के बीच अस्पतालों में अब कानों में होने वाले फंगस के मरीज भी आ रहे हैं। ओपीडी में आने वाले हर 40 में से 10 मरीजों को यह परेशानी हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि बारिश के मौसम में कान की सफाई रखना जरूरी है। अगर कान में खुजली है या कोई घाव हो गया है तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए। सफदरजंग अस्पताल के ईएनटी विभाग के डॉक्टर कृष्ण राजभर बताते हैं कि इस समय उनके पास कानों से संबंधित जितने मरीज आ रहे हैं। उनमें हर 40 में से करीब 8 से 10 केस हैं, जिनके कानों में फंगस हुआ है। इनमें अधिकतर रोगियों को मधुमेह की बीमारी है। साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम है।यह बीमारी उन लोगों को होती है जो सही तरीके से कानों की सफाई नहीं रखते हैं। बारिश के दिनों में इससे संबंधित मामले बढ़ जाते हैं।
ऐसे होता है फंगस
डॉक्टर कृष्ण राजभर ने बताया कि अधिक गर्मी या उमस के कारण कानों में नमी बन जाती है। इससे कानों में खुजली होने लगती है। खुजली होने पर लोग डॉक्टर के पास जाने के बजाय कान में गर्म तेल डाल लेते हैं या माचिश की तीलियों से सफाई करने लगते हैं। इससे खुजली वाली जगह पर घाव बन जाता है। वह घाव धीरे-धीरे फंगस में बदल जाता है। इसके साथ ही कान में चोट लगना, मैल का बढ़ जाना, नहाते हुए कान में पानी चले जाना और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना भी फंगस के कारण हैं।अगर सही समय पर इसका इलाज न हो तो यह फंगस कान के जरिए सिर तक भी पहुंच सकता है।
यह रखें सावधानी
डॉक्टर राजभर बताते हैं कि कभी भी बाहर से कान की सफाई न कराएं। सड़कों पर कान साफ करने वाले हाथ में सलाई पकड़कर कान की सफाई करते हैं, जो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। ये लोग एक ही सलाई का इस्तेमाल कई लोगों के कानों में करते हैं, इससे भी इंफेक्शन तेजी से फैलता है। इसके अलावा सबसे जरूरी है कि नियमित तौर पर कान की सफाई रखें। नहाने के बाद कान को साफ कर लें। अगर खुजली की समस्या है तो किसी भी चीज को कान में न डालें। ऐसे में तुरंत डॉक्टरों की सलाह लें।