डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय के तहत विभिन्न विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय के तहत विभिन्न विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की
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केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज मंत्रालय, पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अन्य संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव डॉ. इन्दर जीत सिंह, एनईसी के सचिव श्री राम मुईवा, एनईआरएएमएसी के एमडी श्री पंकज प्रसाद सीबीटीसी के एमडी डॉ. शैलेन्द्र चौधरी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान डॉ. जितेन्द्र सिंह को पूर्वोत्तर क्षेत्र की विभिन्न विकास परियोजनाओं तथा 100 दिनों की कार्ययोजना के तहत हुई प्रगति की जानकारी दी गई।

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव डॉ. इन्दर जीत सिंह ने कहा कि 100 दिनों की कार्ययोजना में 2 कार्यक्रमों को जोड़ा गया है। ये कार्यक्रम हैं –

  1. 3000 करोड़ रुपये की 200 परियोजनाओं को मंजूरी देना/ की शुरूआत करना/ को संचालित करना। इसका अर्थ है कि प्रतिदिन 30 करोड़ रुपये की औसत दो परियोजनाएं।
  2. असम के दीमा हसाओ जिले में स्थित मंडेरडिशा में 50 करोड़ रुपये की लागत से 75 हेक्टेयर क्षेत्र में पहले बांस औद्योगिक पार्क की स्थापना।

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव डॉ. इन्दर जीत सिंह ने कहा कि 100 दिनों की कार्ययोजना के पहले महीने में पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय ने 1231.94 करोड़ रुपये की 49 परियोजनाओं की शुरूआत की है। इनमें एनईआरएसडीएस और एनईएसआईडीएस के तहत मंजूर की गई 586.3 करोड़ रुपये की 8 नई परियोजनाएं शामिल हैं –

एनईआरएसडीएस के तहत परियोजनाएं

  • सुसांगरा से इनपुट जंक्शन के बीच एटी सड़क (26.335 किलोमीटर) का उन्नयन। इसमें तीन पुल शामिल हैं (नगालैंड-असम अंतर्राज्यीय सड़क, नगालैंड 26.335 किलोमीटर, असम 0.00 किलोमीटर)।
  • नगालैंड में 136.96 करोड़ रुपये की टेनिंग से लेकी रोड तक (37.5 किलोमीटर)  परियोजना। (नगालैंड-असम अंतर्राज्यीय सड़क, नगालैंड 37.5 किलोमीटर, असम 0.00 किलोमीटर)।
  • नगालैंड के मोकोकचुंग जिले में दिखू पुल से अमगुरी (17.155 किमी) तक, 59.77 करोड़ रुपये (नगालैंड-असम अंतर्राज्यीय मार्ग; नगालैंड 17.155 किमी और असम 0.00 किलोमीटर);
  • नगालैंड में तुएनसांग से लॉन्गेंग (0.00 किमी से 51.60 किमी) तक सड़क का पुनर्वास और उन्नयन, 188.61 करोड़ रुपये (नगालैंड-असम अंतर्राज्यीय सड़क; नागालैंड 51.6 किलोमीटर और असम 0.00 किलोमीटर);
  • मेघालय में जिरकेंदेंग (15.517 किमी) को जोड़ने वाले मुकरो उमस्पर सड़क का निर्माण, 58.01 करोड़ रुपये (मेघालय-असम अंतर्राज्यीय सड़क; मेघालय 13.397 किलोमीटर और असम 2.120 किलोमीटर)
  • अगुआ मेधिपारा फूलबाड़ी तुरा रोड को जोड़ने वाली लखीपुर अभिरंपारा सड़क के 19वें किलोमीटर पर (पश्चिम गारो हिल्स) (12.565 किमी), 46.14 करोड़ रुपये (मेघालय-असम अंतर्राज्यीय सड़क; मेघालय 0.780 किलोमीटर और असम 11.80 किलोमीटर)

एनईएसआईडीएस के तहत परियोजनाएं

  • त्रिपुरा में इको-टूरिज्म सेंटर तक पहुँच के लिए अमरपुर (फटिक सागर) से चौबिमुरा तक पर्यटक स्थल संपर्क सड़क में सुधार
  • धलाई, उत्तर और उनाकोटि जिलों के पर्यटकों के आसान पहुंच के लिए गंडचेर्रा-रायसबारी सड़क का उन्नयन (18.30 किलोमीटर) से नारिकेल-कुंजा (लंबाई 8 किमी)। त्रिपुरा में कुंजा द्वीप डंबूर झील के पानी से घिरा हुआ है।

529.18 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत 36 परियोजनाएं चल रही हैं। बैठक में असम के दीमा हसाओ जिले में स्थित मंडेरडिशा में 50 करोड़ रुपये की लागत से 75 हेक्टेयर क्षेत्र में पहले बांस औद्योगिक पार्क की स्थापना के संबंध में जानकारी दी गई। परियोजना को इस साल अगस्त में मंजूरी दी जाएगी। मार्च, 2021 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एनईसी अरूणाचल प्रदेश के ईटानगर में भी बांस पार्क परियोजना की शुरूआत करेगी।

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