प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर को ढाये जाने के विरोध में राष्ट्रपति को सम्बोधित प़त्र डीएम को सौपा

नागरिक एकता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष मो० शमीम ने बताया कि नई दिल्ली के तुगलकाबाद में बने ऐतिहासिक संत शिरोमणि रविदास मंदिर तोड़ने से पूर्व डी०डी०ए० ने ऐतिहासिक तथ्यों को नजर अंदाज किया, जिस स्थान पर मंदिर तोडा गया है उस स्थान पर संत शिरोमणि रविदास जी बनारस से पंजाब जाते हुए वर्ष 1509 में इसी स्थान पर ठहरे थे | तब यहाँ के शासक सिकंदर लोधी ने रविदास जी से गुरु दक्षिणा (नामदान) लेकर 700 कर्नील जमीन मंदिर को दी थी | इस स्थान पर एक तालाब भी था | 1954 में इस स्थान पर मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया एवं पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री ने 1959 में इसका उद्घाटन किया | 1982-83 के बीच दिल्ली विकास प्राधिकरण ने मंदिर के लिए तीन एकड़ जमीन चाहरीदीवारी करा दी उपरोक्त तीनों तथ्यों को कोर्ट के समक्ष प्रकाश में नहीं लाया गया, गलत तथ्यों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश करके उपरोक्त प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर को गिराया जाना करोडो लोगों की जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने के साथ-साथ घोर अपमान भी झलकता है | अतः महामहिम जी से निवेदन करते हुए “नागरिक एकता पार्टी” यह मांग करती है कि देश के करोड़ों लोगों की जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संज्ञान में लेते हुए उसको निरस्त करके पुनः उसी स्थान पर संत शिरोमणि रविदास मंदिर का निर्माण कराये जाने का आध्यादेश जारी करें |