सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियां निवेश कार्यों में तेजी लाएंः वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों से अपने पूंजीगत व्यय को तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ाने को कहा है। मंत्रालय का मानना है कि इससे बाजार में लेनदेन गतिविधियां बढ़ेगी और परिणामस्वरूप आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और महारत्न और नवरत्न केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) के प्रमुखों के बीच हुई बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया। बैठक की सह-अध्यक्षता आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती और व्यय सचिव जी सी मुर्मू ने की। बैठक में बुनियादी ढांचा उद्योग से जुड़े वित्तीय सलाहकार भी शामिल हुए। बैठक के दौरान विभिन्न सीपीएसई और मंत्रालयों के पूंजी व्यय की समीक्षा की गई। बयान में कहा गया है, ‘‘उनसे व्यय योजना पर कायम रहने और निवेश गतिविधियों में तेजी लाने को कहा गया।” बैठक पूंजी व्यय बढ़ाने और बाजार में तरलता बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिये बुलाई गई थी। उल्लेखनीय है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5 प्रतिशत रही जो छह साल का न्यूनतम स्तर है। खरीद और अन्य अनुबंधों के लिए भुगतान निगरानी पर भी जोर दिया गया ताकि समयबद्ध तरीके से नकदी सुनिश्चित करने में देरी नहीं हो। बयान के अनुसार, ‘‘वित्त मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों के साथ-साथ सीपीएसई की बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निरंतर समीक्षा करेगा।” बैठक के बाद ओएनजीसी के कार्यकारी निदेशक एन सी पांडे ने कहा कि 87,000 करोड़ रुपए मूल्य की 27 परियोजनाओं पर काम चल रहा हैं ये परियोजनाएं अगले तीन-चार साल में पूरी होंगीं बैठक में पावरग्रिड कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, एनटीपीसी के निदेशक (परियोजना), एचएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के सदस्य (वित्त), सेल के निदेशक (वित्त) और जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस) के सीईओ शामिल हुए। इसके अलावा रेलवे, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पोत परिवहन, बिजली, नागर विमानन, आवास और शहरी मामलों, जल संसाधन, ग्रामीण विकास और मानव संसाधन मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकार बैठक में शामिल हुए।