जैन समुदाय का बड़ा धार्मिक स्थल यहां, इस बार किसकी बनेगी सरकार

गिरिडीह 4 दिसंबर 1972 में हजारीबाग से अलग होकर नया जिला बना. इसके उत्तर में बिहार का नवादा और जमुई है. पूर्व में देवघर और जामताड़ा, दक्षिण में धनबाद-बोकारो और पश्चिम में हजारीबाग और कोडरमा जिला है. पूरा जिला घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है. इस जनजातीय भूमि के पारंपरिक शासक मुंडा जनजाति के लोग रहे हैं. 1556 में मुगल सम्राट अकबर के सत्ता में आने तक इस क्षेत्र के बारे में बेहद कम लोगों को जानकारी थी.
इस जिले का सबसे महत्वपूर्ण और बड़ा धार्मिक स्थल है पारसनाथ मंदिर. यह जैन समुदाय के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक है. ऐसा कहा जाता है कि करीब 2000 साल पहले समेकित शिखर यानी जिस पहाड़ी पर पारसनाथ मंदिर है, उसे एकाग्रता की चोटी भी कहा जाता था. क्योंकि 24 में से 20 तीर्थंकरों ने इस स्थान पर समाधि या ध्यान केंद्रित कर निर्वाण प्राप्त किया.
18वीं सदी की शुरुआत में इस क्षेत्र को हजारीबाग के ब्रिटिश नियंत्रित जिले में शामलि किया गया था. यह शहर लंबे समय तक ब्रिटिश शासन के दक्षिण-पश्चिम फ्रंटियर एजेंसी का हिस्सा रहा है. ब्रिटिश शासन के दौरान 1871 में खनिजों के आवागमन को लेकर यहां रेलवे ट्रैक बिछाया गया. गिरिडीड अपनी खनिज संपदा के लिए पूरे देश में विख्यात है.