शाहीन बाग़ खाली करवाने के लिए छिड़ी मुहीम, कौन जीतेगा…?

नई दिल्ही
देश की राजनधानी दिल्ही में शाहीन बाग़ एक पहचान बन गई हो इस तरह से उसके आंदोलन को जप तवज्जु मिल रहा है उसकी आम चर्चा हो रही है. दुश्री और जिस जगह पर सेंकडो की तादाद में महिलाए शाहीन बाग़ आन्दोलन कर रही है उस जगह को खली करवाने के लिए भी मानो मुहीम छिड गई है और पूरा मामला पुलिस पर थोप दिया गया है. आईए देखे मामला क्या है…. शाहीन बाग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बीच हुई हिंसा के बीच अब लोगों के सब्र का बांध टूटता दिख रहा है।
अब रास्ता बंद होने की वजह से परेशानी उठा रहे लोगों ने भी सड़क पर उतरने का फैसला कर लिया है। ये लोग करीब 40 दिन से बंद कालिंदी कुंज मार्ग को खुलवाने के लिए मार्च निकालने का प्लान बना रहे हैं। बता दें कि शुक्रवार को शाहीन बाग में कुछ पत्रकारों के साथ मारपीट भी हुई। इतना ही नहीं सड़क पार करने की कोशिश कर रहे लोगों को रोकने के भी मामले सामने आए। बता दें कि वहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ अब वहां के लोकल लोग ही सड़कों पर उतरनेवाले हैं।
सड़क बंद होने की वजह से परेशान सरिता विहार के लोगों का प्लान है कि वे 2 फरवरी को प्रदर्शन करेंगे। ये लोग अपनी कॉलोनी से शाहीन बाग तक मार्च निकालने वाले हैं। इनकी मांग है कि बंद सड़क को आम लोगों के लिए खोला जाए। इसके लिए सरिता विहार में रहनेवाले कुछ लोग सरिता विहार के एसीपी अजब सिंह से मिले भी। उन्होंने सिंह से कहा कि अगले हफ्ते तक कोई रास्ता नहीं निकला तो प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन की तैयारी में जुटे एक रेजिडेंट गब्बर सिंह चौहान ने कहा कि यह किसी राजनीतिक पार्टी की रैली जैसा नहीं होगा।
जैसे शाहीन बाग के लोगों को प्रदर्शन का हक है, वैसे ही सरिता विहार और जसोला के लोगों को इसका विरोध करने का हक है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि फिलहाल वे लोग यह तय नहीं कर पाए हैं कि सड़क को आमजन के लिए खोला जाए या नहीं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बैरिकेड हट भी जाएं तो सड़क पर चलना मुश्किल होगा। क्योंकि वहां करीब 40 फीट का मेटल का भारत का नक्शा रखा है। इसे क्रेन की मदद से ही हटाया जा सकता है। इसे वेल्डिंग करके बनाया गया है, जिसे हटाने में कुछ दिन लग सकते हैं।