विश्वभर में खास तौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता: राष्ट्रपति

पुणे
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि विश्वभर में खास तौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने लोनावाला में आईएनएस शिवाजी की स्थापना के 75 वें वर्ष पर उसे ‘प्रेसिडेंट कलर’ प्रदान करने के दौरान यह बात कही। कोविंद ने कहा,‘‘आज दुनिया भर में खास तौर पर हिंद प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा सतर्कता की जरूरत है। मैं जानता हूं कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में मिशन आधारित तैनाती की व्यवस्था अपनाता है।
लगातार तैनातियों और हमारे हितों वाले क्षेत्रों में मौजूदगी के लिए समुद्र अभियंताओं का गुणवत्ता परक प्रशिक्षण अहम है। उन्होंने कहा कि आईएनएस शिवाजी को सभी प्रशिक्षकों को अपेक्षित कैशल देना चाहिए ताकि वे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकें।
कोविंद ने कहा, एक अग्रणी शक्ति के तौर पर भारत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा,व्यापार और वाणिज्य के परिप्रेक्ष्य में वैश्विक प्रतिमान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रम में भारत का कद बढ़ने के कई कारक हैं और इसमें हमारे सशस्त्र बलों की क्षमताएं और पराक्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि किसी देश का समुद्री हित आमतौर पर उसकी अर्थ व्यवस्था और उसके लोगों के कुक्षल क्षेम से जुड़ा होता है।
राष्ट्रपति ने कहा, मुझे बताया गया है कि हमारा 90 फीसदी व्यापार समुद्र मार्ग से होता है, और यह न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा में बल्कि आर्थिक सुरक्षा में और इसी प्रकार से राष्ट्र निर्माण की व्यापक प्रक्रिया में भारतीय नौसेना की भूमिका को बढ़ाता है।