भीमा-कोरेगांव की हिंसा और एल्गार परिषद दो अलग-अलग मामले हैं: सीएम ठाकरे

मुंबई
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया कि भीमा-कोरेगांव की हिंसा और एल्गार परिषद दो अलग-अलग मामले हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी NIA एल्गार परिषद केस की जांच कर रही है, लेकिन भीमा-कोरेगांव केस की जांच केंद्र को नहीं सौंपी जाएगी। उद्धव ने कहा कि भीमा-कोरेगांव का मुद्दा दलितों से जुड़ा है और दलितों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।
वहीं, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि दोनों मामले भले ही अलग-अलग हैं, लेकिन इनमें भाजपा की पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार, पुणे पुलिस और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। पवार ने सवाल किया, ‘केंद्र तक यह बात किसने पहुंचाई कि राज्य की महा विकास आघाडी सरकार एल्गार परिषद मामले की नए सिरे से जांच कराने वाली है और इसके लिए उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बीच चर्चा हुई है।
इसके तुतंत बाद केंद्र सरकार ने एल्गार केस की जांच NIA को सौंप दी। इसकी भी जांच होनी चाहिए। शरद पवार ने दावा किया कि फडणवीस सरकार ने एल्गार परिषद मामले में पुलिस मशीनरी का दुरुपयोग किया था। उन्होंने इसकी जांच के लिए SIT के गठन की मांग की।
पवार ने कहा, ‘एल्गार परिषद के कार्यकर्ताओं को आक्रामक कहा जा सकता है, लेकिन उन्हें राजद्रोही नहीं कह सकते। भीमा कोरेगांव हिंसा हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे द्वारा पैदा किए गए माहौल का नजीता थी।