हमने पीठ में छुरा नहीं घोंपा, सुखबीर के कारण शिअद छोड़ा : ढींडसा

बधनी कलां
राज्यसभा मैंबर सुखदेव सिंह ढींडसा ने बताया कि आप्रवासी भारतीय हौसला दे रहे हैं, गांव-गांव बुलाकर बैठकें करवा रहे हैं। इस संबंधी आज उन्होंने कई गांवों का दौरा किया, जहां लोगों ने उनको मान दिया। गांव राऊके कलां में एन.आर.आई. महेन्द्र सिंह के निवास पर आयोजित बैठक में ढींडसा ने कहा कि अब अकाली दल में जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
जहां पहले प्रकाश सिंह बादल फैसला करने लगे सलाह करते थे लेकिन अब सुखबीर सिंह बादल तानाशाही तौर पर फैसले करते हैं, किसी की कोई पूछताछ नहीं है। सुखबीर कहता कि हमनें पार्टी की पीठ में छुरा घोंपा है, हमने पार्टी की पीठ में छुरा नहीं घोंपा बल्कि सुखबीर की तानाशाही फैसलों के कारण मजबूरीवश अकाली दल को छोड़ा है।
हमारी रैलियां व बैठकों में लंबे समय से अकाली दल से जुड़े लोग आते हैं, जो अकाली दल बादल से खफा होकर घरों में बैठे थे। संगरूर में 40 हजार के करीब जनसमूह था, उसमें एक भी कांग्रेसी नेता नहीं था। उन्होंने दावा किया कि सुखबीर से सारे वर्ग परेशान हैं तथा अब पार्टी छोड़कर सारे उनके साथ आएंगे। ढींडसा ने कहा कि पाकिस्तान के गुरुधामों में जाने वाले श्रद्धालुओं पर जो सवाल उठाए जा रहे है वे गलत हैं, उनको चैक करके भेजते हैं। एक दिन में कोई आतंकवाद की कैसे सिखलाई लेकर आ सकता है, यह गलत है।