HC का निर्देश- 23 मार्च तक हटाए जाएं सार्वजनिक स्थानों पर बने अवैध मंदिर और मस्जिद

नैनीताल
उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में सरकार को सार्वजनिक स्थानों में अवैध रूप से बने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों एवं चर्चों को 23 मार्च तक हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने जनहित याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ की ओर से जनहित याचिका पर सख्त रूख अख्तियार किया गया।
सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थानों- सड़कों, गलियों, पार्क में अवैध रूप से बनाए गए ऐसे धार्मिक ढांचों के बारे में ठोस जानकारी नहीं दी गई। सरकार की ओर से मांग की गई कि ऐसे धार्मिक ढांचों को हटाने के लिये उसे एक साल का समय दिया जाये लेकिन कोर्ट ने सरकार की बात को नहीं माना।
वहीं कोर्ट ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 29 सितम्बर को 2009 को एक आदेश जारी कर सभी राज्यों में सार्वजनिक स्थानों में अवैध तरीके से बनाए गए मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारों एवं चर्चों को हटाने के निर्देश दिए थे लेकिन राज्य सरकार इतने लम्बी अवधि बीत जाने के बाद भी ऐसे धार्मिक ढांचों के खिलाफ कार्रवाई करने में अक्षम रही है।
बता दें कि कोर्ट की ओर से दिए गए इस आदेश का कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर कर ली थी। साथ ही कोर्ट ने सरकार को ऐसे संस्थानों की सूची अदालत जिलेवार अदालत में सौंपने को कहा था।