भारत को मिला विश्व स्वास्थ्य संगठन का साथ

भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, अब तक ये मामले बढ़कर 12,000 के पार चले गए हैं। ऐसे में इस महामारी को काबू करने के लिए भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का साथ मिला है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने इस पहल का स्वागत किया है। भारत पहले ही पोलिया जैसी बीमारी पर जीत हासिल कर चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से कोरोना से लड़ने के लिए देश को उन योजनाओं को फायदा मिलेगा जो पोलियो के समय अपनाई गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन देश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का राष्ट्रीय पोलियो निगरानी नेटवर्क कोविड-19 सर्विलांस को और मजबूत करने में काम करेगा और इस नेटवर्क का स्टाफ इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर देगा। इस नेटवर्क की मदद से क्षयरोग या अन्य बीमारी से लड़ने में आसानी होगी।कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्वी एशिया ने नेशनल पोलियो सर्विलांस नेटवर्क के साथ मिलकर एक पहल की है। भारत ने जैसे पोलियो को हराया था वैसे ही कोरोना को हराने के लिए बेहतर कार्यप्रणाली और उपायों पर काम किया जा रहा है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के डाटा के मुताबिक दुनियाभर में 20 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और 1,36,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने भारत के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और उनके नेतृत्व के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने भारत का विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ हाथ मिलाने का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एक साथ मिलकर काम करने से हम जरूर इस महामारी पर जीत हासिल करेंगे।भारत ने साल 2014 में पोलियो को हरा दिया था। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि उस वक्त भी भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक साथ मिलकर काम किया था और जीत हासिल की थी। भारत और डब्ल्यूएचओ अपने साझा कुशल काम और समर्पण से ही पोलियो को हरा पाने में सक्षम हुआ है।