कांवड़ यात्रा 2020

कोरोना ने जहां एक ओर मां गंगा की तरफ बढ़ने वाले शिवभक्तों के कदम रोक दिए हैं तो वहीं शिवभक्तों की यात्रा की सुरक्षा में डटी रहने वाली पुलिस के काम की प्रवृत्ति को भी उलटकर रख दिया है। इतिहास में यह पहली बार ही है कि इस साल सावन में पुलिस कांवड़ियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि उनके हर बढ़ते कदम को रोकने के लिए तैनात होगी।
इस राह में सबसे बड़ी चुनौती पुलिस के लिए वे दर्जनभर संपर्क मार्ग और खेतों के रास्ते होंगे, जहां से कांवड़िए चोरी छिपे उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। इसके लिए भी पुलिस प्रशासन ने वृहद योजना तैयार की है।बॉर्डर के साथ जंगलों और खेतों के रास्तों समेत तमाम संपर्क मार्गों पर पुलिस शिवभक्तों की राह में दीवार बनकर खड़ी होगी। शिवभक्तों को हरिद्वार आने से रोकने के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी की है, लेकिन पुलिस के लिए बुग्गावाला से लेकर भगवानपुर, झबरेड़ा, नारसन, खानपुर क्षेत्र के दर्जनों संपर्क मार्ग और खेतों के रास्ते किसी चुनौती से कम नहीं होंगे। ऐसे में ग्रामीणों का सहयोग पुलिस के लिए खासा महत्वपूर्ण है। बॉर्डर को सील करने के साथ ही पुलिस ने खेतों के बीच से जाने वाले यूपी को जोड़ने वाले रास्तों को भी सील करने का भी निर्णय लिया है। यहां पुलिस के साथ पीएसी भी तैनात रहेगी।
शुक्रवार को एसपी देहात एसके सिंह ने सीओ रुड़की और सीओ मंगलौर के साथ सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बता दें कि रुड़की देहात क्षेत्रों में 40 से अधिक संपर्क मार्ग हैं, जिनसे लूट, डकैती, हत्या आदि की वारदात को अंजाम देकर बदमाश आसानी से फरार हो जाते हैं। यहां पुलिस ग्रामीणों का सहयोग लेने पर विचार कर रही है ताकि कांवड़ियों को रोका जा सके। पुलिस इन संपर्क मार्गों को सील करने में जुट गई है।