बाइक बोट ठगी मामले में एक और निदेशक गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 46 हजार करोड़ की बाइक बोट ठगी के मामले में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के एक और निदेशक को गिरफ्तार किया है। शाखा इससे पहले 15 निदेशकों को गिरफ्तार कर चुकी है। अदालत की अनुमति के बाद शाखा दिल्ली में दर्ज ठगी के मामले में उसे गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। शाखा के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार निदेशक की पहचान गौतमबुद्घनगर (यूपी) निवासी सचिन भाटी के रूप में हुई है। शाखा में हजारों निवेशकों ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर लिमिटेड के खिलाफ मोटरसाइकिल में निवेश करने पर आकर्षक कमाई का झांसा देकर ठगी की शिकायत की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी ने फर्जी योजना के तहत लोगों को मोटरसाइकिल पर 62 हजार रुपये का निवेश करने के लिए कहा।
इसके एवज में कंपनी ने एक साल में 9500 रुपये देने का वादा किया। योजना के तहत कुछ लोगों को लाभ मिला और कुछ लोग वंचित रहे। वर्ष 2019 में कंपनी ने इलेक्ट्रिक बाइक योजना शुरू की और लोगों को इसके लिए 1.24 लाख रुपये जमा कराए। इसके तहत हर महीना 1700 रुपये देने का आश्वासन दिया। आकर्षक योजना को देखकर लोगों ने निवेश किया। करीब 42 हजार करोड़ रुपये लेने के बाद कंपनी के निदेशक कंपनी बंद कर फरार हो गए। कंपनी व निदेशकों के खिलाफ दिल्ली, यूपी सहित अन्य राज्यों में मामले दर्ज करवाए गए। दिल्ली के आर्थिक अपराध शाखा में भी आठ हजार निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ शिकायत दी, जिनसे करीब 250 करोड़ रुपये ठगे गए थे। लखनऊ की प्रवर्तन निदेशालय भी ठगी के मामले की जांच कर रही है। आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में कंपनी के 15 निदेशकों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस को जानकारी मिली कि कंपनी का एक अन्य निदेशक सचिन भाटी भी दादरी के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है और लुक्सर जेल में बंद है। उसके बाद जांच टीम ने अदालत से इजाजत लेकर बुधवार को दिल्ली में मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया और उससे पूछताछ कर रही है।