दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- कोरोना जांच नतीजे 24 घंटे में मोबाइल पर देने की कोशिश करे सरकार

कोरोना मरीजों की जांच के नतीजे उनके मोबाइल पर 24 घंटे के भीतर देने की दिशा में दिल्ली सरकार कोशिश करे। इसके अलावा कोरोना जांच और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान पर अधिक ध्यान दे। यह बात हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को कोरोना संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए कही। वहीं दिल्ली सरकार ने जवाब दाखिल कर स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली या उसके कुछ हिस्सों में नाइट कर्फ्यू लगाने पर विचार नहीं किया जा रहा।
दिल्ली सरकार ने कहा कि नाइट कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं है बल्कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए हर प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं सभी प्राइवेट अस्पतालों को एलईडी स्क्रीन पर नोडल अधिकारी के नाम व फोन नंबर के अलावा रिक्त कोविड बेड की संख्या दर्शाने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमोनियम प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए जांच और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान पर ध्यान केन्द्रित किया जाए। इतना ही नहीं यदि जांच के नतीजे अब भी 24 घंटे के अंदर नहीं आ रहे हैं तो इस पर गौर किए जाने की जरूरत है। अदालत ने दिल्ली सरकार से ये भी कहा कि कोरोना की जांच के नतीजे मोबाइल फोन पर देने की कोशिश करें।
दिल्ली सरकार ने खंडपीठ के हाल ही में पूछे गए नाइट कर्फ्यू संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली में फिलहाल स्थिति में सुधार हो रहा है, ऐसे में नाइट कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने खंडपीठ को बताया कि सरकार ने प्रतिबंधित गतिविधियों में 31 दिसंबर तक किसी भी प्रकार की छूट न देने का निर्णय किया है। इतना ही नहीं किसी प्रकार की नई गतिविधियों की भी इजाजत नहीं होगी।
अदालत अधिवक्ता राकेश मल्होत्रा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। याची ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मरीजों की संख्या पुन: बढ़ने पर चिंता जताते हुए जांच बढ़ाने व रिपोर्ट जल्द प्रदान करने की मांग की है। दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि हेल्पलाइन 1031 पर 115 लोग काम कर रहे हैं और नवंबर माह में उस पर 10817 कॉल आई। कुछ काल का जवाब नहीं दिया जा सका क्योंकि बात करते समय वह कट गई। उन्होंने संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी, मास्क इत्यादि लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों से बैठक की जा रही है।
दिल्ली सरकार व पुलिस के चालान से करीब 45 करोड़ मिले
दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के अलावा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है। इस कड़ी में तय नियमों का उल्लंघन करने वाले 2,37,907 लोगों के चालान कर दिल्ली सरकार ने 17 करोड़ 93 लाख 82 हजार 917 रुपये जुर्माने के रूप में वसूले हैं। वहीं दिल्ली पुलिस ने भी 5,47,394 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 27 करोड़ 68 लाख 35 हजार 900 रुपये का जुर्माना लगाया है।