गुरुद्वारा कोविड सेंटर में फिल्मी गाना बजने से सिख सियासत गरमाई

गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में बने कोविड सेंटर में हैप्पीनेस थेरेपी पर सिख सियासत गरमा गई है। सिख राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध करते हुए कहा हे कि गुरु के घर में फिल्मी गीत बजाना जायज नही है। रंगीला कार्यक्रम की वजह से सिख मार्यादा पर चोट लगी है। इस मामले में अकाल तख्त साहिब को कड़े कदम उठाने चाहिए। राजनीतिक संगठनों ने कोविड सेंटर को बंद करने की भी मांग की है। ताकि सिख धर्म की मर्यादा बची रहे।
जागों पार्टी ने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के कोविड सेंटर में हैप्पीनेस थैरेपी के नाम पर रोमांटिक फिल्मी गीत बजाने के मामले पर अकाल तख्त साहिब से शिकायत की है। कहा है कि गुरु तेग बहादर साहिब के शहीदी स्थान गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में रंगीले कार्यक्रम के कारण सिख मर्यादा पर चोट लगी है। गुरबाणी की अवज्ञा हुई है। जागो पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा गया है। जीके ने बताया कि गुरु तेग बहादुर साहिब के इस पावन शहीदी स्थान पर होने वाले शादी-ब्याह आदि के कार्यक्रमो में डीजे, ढोल व बैंड़ बजाने की सख्त मनाही है, बारातियों को ढ़ोल व बैंड़ बजाने की भी गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से 100 मीटर पहले तक ही इजाजत है। पर कोविड सेंटर में सिरसा-कालका ने हैप्पीनेस थैरेपी के नाम पर रोमांटिक फिल्मी गीतों को बजाने की इजाजत देकर अपनी नासमझी जाहिर की है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा है कि यह दुख की बात है कि गुरुद्वारे में फिल्मी संगीत बजाया गया। सिख मर्यादा का उल्लंघन किया गया है। इस कोविड सेंटर को बंद किया जाना चाहिए और मरीजों को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराई जानी चाहिए। गुरबाणी में अपार शक्ति है। गुरबाणी को दरकिनार कर फिल्मी गीतों को बजाना ठीक नहीं है। जहां कीर्तन होना चाहिए वहां कोविड सेंटर का कोई औचित्य नहीं है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य इंद्रमोहन सिंह ने कहा है कि दिल्ली सिख प्रबंधक कमेटी ने शर्मनाक काम किया है। फिल्मी गाने बजा कर घोर पाप किया गया है। इससे प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा की पंथ विरोधी सोच सामने आ गई है। गुरुनानक का नाम लेने वाले संगत को ठेस पहुंची है।
प्रबंधक कमेटी से पूछे सवाल
क्या गुरबाणी हैप्पीनेस नहीं पैदा करती ?
कमेटी प्रबंधकों को आध्यात्मिक चिंतन से रंगीली शैली पर ज्यादा भरोसा हैं ?
क्या शहीदी स्थान के मर्यादा की रक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली कमेटी की नहीं है ?
एक तरफ सिख जून 1984 के आपरेशन ब्लूस्टार में मारे गए वहीं इस दिन गीत-संगीत बजाए जा रहे है।