कोरोना वायरस ज्यादा आक्रामक

डेल्टा वैरिएंट ने भारत में कहर बरपाने के बाद अमेरिका व यूरोप के साथ दक्षिण एशियाई देशों को चपेट में ले लिया है। विशेषज्ञों का है कहना है कि वायरस जितना आक्रामक होगा, इसका अंत उतना ही जल्द होगा।
वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर विजयनाथ मिश्रा बताते हैं कि वायरस का आर-नॉट भारत में अभी तक एक से दो के बीच है। वे बताते हैं कि आर-नॉट कम होने का मतलब है कम से कम लोग संक्रमित होंगे और वायरस का अंत उतना ही नजदीक होगा।
डेल्टा स्ट्रेन का आर-नॉट 5 से 8 के बीच, खसरा के वायरस का था 18
बीएचयू के इम्यूनोलॉजिस्ट प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे के मुताबिक, कोरोना की पहली लहर के दौरान वायरस का आर-नॉट 1.24 था। दूसरी लहर में डेल्टा का आर-नॉट 1.7 से 1.8 है।
महामारी का अंत आखिर क्यों और कैसे?
प्रोफेसर मिश्रा बताते हैं कि कोरोना के घातक रूप से किसी व्यक्ति की मौत होगी, तो वायरस फैल नहीं पाएगा। इसका असर आर-नॉट के गिरते ग्राफ के रूप में दिखेगा। जानलेवा होने के साथ उसकी प्रसार क्षमता स्वत: घट जाएगी।
प्रोफेसर चौबे कहते हैं कि अन्य महामारी की तुलना में कोरोना का प्रसार धीमा है। इसे मात देने वालों की संख्या अधिक है। यानी अन्य महामारियों से कोरोना कम ताकतवर है। लोग इसे आसानी से मात दे रहे हैं।