नगर निगम दुनिया की सबसे भ्रष्ट एजेंसी: जैन

नगर निगम दुनिया की सबसे भ्रष्ट एजेंसी: जैन
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भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम दुनिया की भ्रष्टतम एजेंसी है। पूरी दुनिया में ये बदनाम है। भाजपा नेता सदन के अंदर झूठ बोलते हैं। सच्चाई उन्हें भी पता है कि निगम अपना काम जो सफाई व्यवस्था है उसे भी ठीक से नहीं करती और भ्रष्टाचार में लिप्त है। यह बातें दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान मंत्री सतेंद्र जैन ने कहीं। जैन ने नगर निगमों द्वारा जल भराव रोकने तथा नालों के रखरखाव में असफल रहने के संबंध में नियम 55 के तहत अल्पकालिक चर्चा के जवाब में ये कहा। जैन ने यह भी कहा कि झूठ बोलते हुए शर्म भी भाजपा नेताओं को नहीं आती। द्वारका इलाके में गाड़ी जमीन के अंदर चली गई थी। वह एमसीडी की सड़क थी। लेकिन भाजपा लगातार झूठ बोल रही थी। उन्होंने कहा कि पिछले एमसीडी चुनाव में भाजपा ने ही यह सोचकर सभी प्रत्याशियों को बदल दिया कि उसके पार्षद भ्रष्ट हैं। नये पार्षद जो चुन के आए वह महा भ्रष्ट हो गए। अब यह कहकर उन्हें आगामी चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा कि क्योंकि वह महा भ्रष्ट हो गए हैं। यह कहेंगे कि इस बार इमानदारों को लेकर आए हैं।

पांच हजार करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप
जैन ने सदन को बताया कि निगम सफाई करने का काम भी नहीं कर पाती है। 90 प्रतिशत पार्षद पैसा खा जाते हैं। जितना भाजपा के एक एक पार्षद एक साल में कमाता है उतना भाजपा के सभी विधायकों का वेतन भी नहीं होगा। निगम अधिकारिक तौर पर कम से कम पांच हजार करोड़ रुपये एक साल में भ्रष्टाचार करती है। अनधिकृत तौर पर पंद्रह हजार करोड़ का भ्रष्टाचार करती होगी। दुकानों के लाइसेंस में सरकार को पांच सौ रुपये देती है और पंद्रह हजार रुपये खुद इस लाइसेंस के लिए ले लेती है। सदन में आप विधायक संजीव झा, अखिलेश पति त्रिपाठी, सोम दत्त ने भी नगर निगम पर निशाना साधा। भाजपा विधायक अजय महावर ने एमसीडी की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि दिल्ली सरकार बड़े-बड़े नालों की सफाई नहीं कराती है। नालों के डीसिल्टिंग का काम नहीं होने से जलजमाव होता है।

सरकार कर रही सौतेला व्यवहार
सदन के बाहर प्रदेश भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार का नगर निगम के साथ सौतेला व्यवहार है। उसे बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। बकाया राशि की मांग को लेकर भाजपा सड़क पर उतरेगी। 13000 करोड़ रुपये सरकार ने रोक कर रखे हैं। सिर्फ निगम को बदनाम करने के लिए केजरीवाल सरकार पैसे न देने की ओछी राजनीति कर रही है। कोरोना काल में निगम ने जो काम किया है, वह पूरी दिल्ली देख चुकी है।

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