केंद्र के सामने कई संकट

सबका जवाब राकेश अस्थाना, नियुक्ति पर दिल्ली सरकार की आशंका कितनी सही
दिल्ली विधानसभा का पहला दिन हंगामेदार रहा। सत्ता पक्ष ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर सवाल उठाए और इसके विरोध में प्रस्ताव पास करते हुए गृह मंत्रालय से अस्थाना की नियुक्ति को वापस लेने की मांग की। आम आदमी पार्टी को आशंका है कि अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर पद पर नियुक्ति के जरिए केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के कामकाज में बाधा डाल सकती है। वहीं, विपक्ष ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति का स्वागत किया है और कहा है कि उनके आने से दिल्ली में अपराध को कम करने में मदद मिलेगी और उनके व्यापक अनुभव का दिल्ली को लाभ होगा।
आम आदमी पार्टी विधायक संजीव झा ने तो राकेश अस्थाना की नियुक्ति को ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि इसके पू्र्व में सर्वोच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि इस प्रकार के सर्वोच्च पद पर किसी अधिकारी की नियुक्ति तभी की जा सकती है जब उसके कार्यकाल में कम से कम छः महीने का समय शेष हो। लेकिन अब जबकि अस्थाना के रिटायरमेंट में केवल तीन-चार दिन का समय शेष रह गया था, उन्हें दिल्ली पुलिस के कमिश्नर पद की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि राकेश अस्थाना को स्पेशल मिशन पर दिल्ली भेजा गया है। उनकी आशंका है कि चंद दिन पहले ही दिल्ली पुलिस को गिरफ्तार करने का विशेष अधिकार देना और उसके चंद दिन के अंदर केंद्र सरकार का अपने सबसे विश्वस्त अधिकारी का दिल्ली भेजना अनायास नहीं है और इसके पीछे सोची-समझी चाल है। उन्होंने कहा कि राकेश अस्थाना को दिल्ली भेजने से पहले यूपीएससी की राय लिया जाना भी अनिवार्य था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस अधिकारी को हमेशा अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया है और इसका इतिहास देखते हुए लगता है कि दिल्ली भेजने के पीछे भी सोची-समझी रणनीति काम कर रही है।
केंद्र के सामने कई चुनौती
केंद्र सरकार के सामने इस समय कई चुनौती है। पिछले आठ महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान उसके लिए सरदर्द का काम करते रहे हैं। लेकिन अब यह किसान जंतर-मंतर तक आ चुके हैं और रोजाना किसान संसद में एक नया प्रस्ताव पास कर केंद्र को असहज कर रहे हैं। किसानों ने 15 अगस्त को दुबारा दिल्ली में ट्रैक्टर के साथ घुसने और झंडा फहराने की तैयारी की है। इस दौरान किसी अनहोनी को रोकना भी केंद्र की प्राथमिकता में शामिल है।
एमसीडी चुनाव भी सामने
लगभग आठ महीने के बाद दिल्ली में नगर निगम के चुनाव होने हैं। इस महत्त्वपूर्ण चुनाव के समय दिल्ली में केंद्र सरकार अपने मनपसंद अधिकारी को रखकर कानून-व्यवस्था की स्थिति कंट्रोल करना चाहेगी। अस्थाना की नियुक्ति को इस महत्त्वपूर्ण चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इस प्रकार राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस के कमिश्नर पद पर नियुक्ति केंद्र सरकार के कई सवालों का जवाब हो सकती है। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी इस पर सवाल खड़े कर रही है।
विपक्ष ने कहा, नियुक्ति सही
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अपराध को काबू में रखना हर दिल्लीवासी के लिए जरूरी है और राकेश अस्थाना बेहद अनुभवी अधिकारी रहे हैं। उनकी नियुक्ति से दिल्ली को लाभ होगा। आदेश गुप्ता ने कहा कि अभी तक देश में कोई ऐसी संस्था नहीं बची है जिसके ऊपर केजरीवाल ने सवाल न खड़ा किया हो। वे अनेक बार न्यायपालिका तक पर सवाल खड़े कर चुके हैं। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं कि वे राकेश अस्थाना पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की नियुक्ति पूरी तरह नियमों के अंतर्गत होती है और इस पर सवाल नहीं खड़े किए जाने चाहिए।