केंद्र के दो बड़े अस्पतालों का खराब हाल

इलाज के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर दूर-दराज मरीजों के भटकने की तस्वीरें सामने आती हैं लेकिन देश की राजधानी में भी ऐसे हालात हो सकते हैं इसके बारे में शायद ही आपने सोचा होगा। इन दिनों राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में एक्सरे-सीबीसी जैसी जांच के लिए भी मरीज को नौ किलोमीटर दूर रेफर किया जा रहा है। यहां गौर करने वाली बात है कि अस्पताल में जांच सुविधा होने के बाद भी मरीज रेफर हो रहे हैं और अस्पताल भी एक दूसरे को जिम्मेदार मान रहे हैं।
ऐसे एक या दो नहीं, बल्कि काफी संख्या में मामले सामने आए हैं जो महज एक्सरे या सीबीसी जांच कराने के लिए आरएमएल से सफदरजंग अस्पताल पहुंचे हैं। इन दोनों ही अस्पतालों के बीच दूरी 9.30 किलोमीटर की है जिसे तय करने में कम से कम 25 से 30 मिनट तक वक्त लगता है।
जब सफदरजंग अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों से पूछा गया तो डॉ. मनीष ने कहा कि हर दिन करीब 50 से 60 मामले ऐसे दर्ज किए जा रहे हैं। ज्यादातर मरीज आरएमएल अस्पताल से आ रहे हैं। वहीं लोकनायक अस्पताल सहित अन्य से भी मरीजों को रेफर किया जा रहा है। गंभीर बात यह है कि अस्पताल में बिस्तर न होने का हवाला देते हुए मरीज को रेफर कर दिया जाता है जबकि उसकी जरूरत कुछ और ही होती है। डॉक्टरों का कहना है कि रविवार ओपीडी की तरह स्वास्थ्य मंत्रालय को इस मुद्दे पर भी ध्यान देना चाहिए।
जब आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से संपर्क किया गया लेकिन जानकारी नहीं मिली। इसके बाद आपात कालीन वार्ड पहुंचने पर यह पाया गया कि एक घंटे के भीतर सात मरीजों को सफदरजंग, एम्स ट्रामा सेंटर और एम्स इमरजेंसी सेंटर रेफर किया गया। ये मरीज रवि कुमार (23), संतोष (38), आनंद वर्मा (41), महिमा (26), बलराम सिंह (61), शिवानी (31) और धर्मा देवी (55) शामिल हैं।