दिसंबर के बाद ही ‘ओमिक्रॉन’ के बारे में पता चलेगा

दिसंबर के बाद ही ‘ओमिक्रॉन’ के बारे में पता चलेगा
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वरिष्ठ ब्रिटिश वैज्ञानिक नील फर्ग्यूसन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि लोगों को यह नहीं मान लेना चाहिए कि कोरोना एक मामूली बीमारी बनकर रह जाएगा। लोगों को अभी कई सालों तक सतर्क रहने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने कोरोना के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ पर बात करते हुए कहा है कि ओमिक्रॉन से खतरे के बारे में दिसंबर के बाद ही कुछ पता चल पाएगा। उन्होंने कहा कि अभी इस नए वैरिएंट को समझने की कोशिश की जा रही है।इंपीरियल कॉलेज लंदन के महामारी विज्ञानी नील फर्ग्यूसन ने कहा कि इवोल्यूशन भी कोरोना वायरस को तेजी से फैलने में मदद कर सकता है।

फर्ग्यूसन ने कॉमन्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी कमेटी को बताया जब तक लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं, तब तक ज्यादातर प्रसार हो चुका होता है। वायरस श्वसन पथ के भीतर बहुत तेजी से म्यूटेट करता है और पर्यावरण में बाहर निकलने की कोशिश करता है। वायरस 10 दिन बाद भी किसी की जान ले सकता है। उनकी टिप्पणी न्यू एंड इमर्जिंग रेस्पिरेटरी वायरस थ्रेट्स एडवाइजरी ग्रुप (नर्वटैग) की प्रतिक्रिया के बाद आई है। जिसमें पता चला कि विशेषज्ञों ने पिछले हफ्ते यूके के मंत्रियों से ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसारण को सीमित करने के लिए जल्दी और मजबूत कार्रवाई करने का आग्रह किया था।

 

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