चीन को मिला मौका

मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के मुद्दे पर बांग्लादेश और अमेरिका के संबंध में पेच खड़ा होता दिख रहा है। अमेरिका ने पिछले हफ्ते बांग्लादेश के अर्ध सैनिक बल- रैपिड एक्शन बटालियन के सात पूर्व और वर्तमान अधिकारियों पर मानवाधिकार हनन के आरोप में प्रतिबंध लगा दिए थे। इस अमेरिकी कदम से बांग्लादेश बहुत आहत हुआ है। उसने इस पर नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जताई है। इस बीच परोक्ष रूप से चीन भी इस विवाद में कूद पड़ा है।
अमेरिकी आरोप पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेश के संसदीय कार्य मंत्री अनीसुल हक ने रविवार को कहा कि बांग्लादेश पर मानवाधिकारों के हनन के अमेरिकी आरोप उसकी कल्पनाओं पर आधारित हैं। उन्होंने अमेरिकी कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा- ‘रैपिड एक्शन बटालियन के सात पूर्व और मौजूदा अधिकारियों पर अमेरिकी प्रतिबंध दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जो लोग कानून के राज और लोकतंत्र में भरोसा करते हैं, उन पर यह जिम्मेदारी होती है कि वे उचित प्रक्रियाओं का पालन करें और आरोपी व्यक्तियों के अपने बचाव में दी गई दलीलों को सुनें। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने बिना बचाव का मौका दिए अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए।’