नेपाल के लिए मुश्किल भरे दिन

नेपाल के लिए मुश्किल भरे दिन
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नेपाल सरकार की एक रिपोर्ट ने देश में बढ़ रही आर्थिक मुश्किलों पर रोशनी डाली है। इसके मुताबिक कोरोना महामारी को संभालने के लिए नेपाल को बहुत बड़ी रकम खर्च करनी पड़ी है। ऐसा दूसरे जरूरी मदों में कटौती करते हुए किया गया है। इसका खराब असर आने वाले समय पर होगा।

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी आने के बाद से जुलाई 2021 नेपाल सरकार ने स्वास्थ्य देखभाल, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पर 56 अरब रुपये खर्च किए हैं। इसमें वह रकम शामिल नहीं है, जो सरकार ने कोरोना वैक्सीन खरीदने पर खर्च किए गए। इसमें वह रकम भी शामिल नहीं है, जो गैर सरकारी संगठनों ने महामारी संबंधी राहत कार्यों पर खर्च किए। इन संगठनों ने अपने दूसरे विकास कार्यों में कटौती कर अपने बजट के बड़े हिस्से को कोरोना राहत पर खर्च किया है।

 

नेपाल सरकार ने कोविड-19 सहायता और उस पर हुए खर्च के बारे में तीसरी अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट अब जारी की है। इससे ये अंदाजा लगाना आसान हुआ है कि कोरोना महामारी के कारण देश पर कितना बड़ा बोझ पड़ा है। नेपाल के पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर खनाल अखबार काठमांडू पोस्ट से कहा- ‘इन आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार ने अपने बजट का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा कोरोना से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में खर्च कर दिया।’ उन्होंने कहा कि जिस बड़े पैमाने पर रकम इस काम लगाई गई है, उससे जाहिर होता है कि कोरोना महामारी का नेपाल जैसे गरीब देशों पर कितना बुरा असर पड़ा है।

 

Admin

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