नेपाल: पार्टी अधिवेशन में दहल पर लगी सवालों की झड़ी

पर्यवेक्षकों का कहना है कि इऩ आलोचनाओं के बावजूद दहल की पार्टी पर पकड़ काफी हद तक बरकरार है। इसी का नतीजा है कि उन्होंने जो राजनीतिक दस्तावेज पेश किया, उसे बिना ज्यादा संशोधन के पारित कर दिया गया। ये दस्तावेज ‘21वीं सदी में समाजवाद की तरफ नेपाल का रास्ता’ शीर्षक से पेश किया गया था।
नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओईस्ट सेंटर) के भीतर पार्टी प्रमुख पुष्प कमल दहल को लेकर असंतोष बढ़ने के संकेत हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में दहल ने राजनीतिक दस्तावेज पेश कर चर्चा को उस पर केंद्रित करने की कोशिश की। लेकिन पार्टी प्रतिनिधियों ने दहल की जीवन शैली से जुड़े सवालों की बौछार वहां कर दी। अधिवेशन की कार्यवाही को गोपनीय रखा गया था। लेकिन अब सूत्रों के हवाले से इस बारे में नेपाली मीडिया में लगातार खबरें छप रही हैँ।
इन खबरों के मुताबिक कई प्रतिनिधियों ने दो टूक ये इल्जाम भी लगाया कि दहल पार्टी को कोई स्पष्ट दिशा देने में नाकाम रहे हैँ। इन आलोचनाओं के बीच एक मौके पर दहल ने कहा- ‘पार्टी को क्रांतिकारी शक्ति बनाने के लिए मैं कोई त्याग करने को तैयार हूं।’ उन्होंने इस आरोप का खंडन किया कि अब वे क्रांतिकारी नहीं रहे, बल्कि सुधारवादी बन गए हैँ। उन्होंने कहा- ‘अपनी यात्रा में मैं स्थिर प्रगति और लंबी छलांग देखता हूं।’