प्रियंका के मिशन यूपी को पहुंचाया नुकसान

कोरोना और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों और संभावित खतरों को देखते हुए कांग्रेस को आगामी दस दिनों के लिए अपने सारे चुनावी कार्यक्रम स्थगित करने पड़े हैं। बेशक इससे कांग्रेस के रफ्तार पकड़ते कैंपेन और प्रियंका गांधी की कड़ी मेहनत को एक धक्का लगा है। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले जिस तेजी से प्रियंका गांधी के नेतृत्व में माहौल बन रहा था, उसपर इन बंदिशों से काफी फर्क पड़ सकता है। हालांकि पार्टी इस खतरे को देखते हुए अपने सोशल मीडिया सेल को मजबूत करने और भावी रणनीति बनाने में भी जुटी है।
कांग्रेस नेता पीएल पूनिया ने कहा कि सपा-बसपा की निष्क्रियता के बीच प्रियंका गांधी का लगातार सरकार पर हमलावर होना लोगों को यह विश्वास दिलाने में कामयाब रहा कि भाजपा के सामने केवल कांग्रेस ही खड़ी रहेगी और उनके हक में आवाज बुलंद करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार के किसी गलत कार्य का कोई विरोध नहीं कर रही थी, तो बसपा सरकार के इशारे पर चुप थी। इसी दौर में कांग्रेस ने जनता के हक की आवाज उठाई और गंगा नदी में तैरती लाशों पर सरकार को आइना दिखाया। उन्होंने दावा किया कि यही कारण था कि जनता की नजर में कांग्रेस यूपी में प्रमुख विपक्षी दल बन गई थी।
बाद के समीकरणों में समाजवादी पार्टी आगे निकलती दिखाई पड़ी। जनता के बीच से भी कुछ ऐसे संदेश दिखने लगे कि जो लोग किसी भी तरह सरकार में बदलाव का मन बना रहे थे, उन्होंने अपना वोट सार्थक करने के लिए समाजवादी पार्टी को ही विकल्प चुनना शुरू कर दिया था। हालांकि, कांग्रेस नेताओं का दावा है कि इसके बाद भी कांग्रेस मजबूत होकर आगे बढ़ रही थी।