पाक-चीन की नजदीकियों के बीच देश के रक्षा बजट पर नजर

केंद्र सरकार एक फरवरी 2022 को देश की संसद में इस साल का बजट पेश करेगी। इसे लेकर अलग-अलग सेक्टरों के विशेषज्ञों ने कयास लगाने शुरू भी कर दिए हैं। सभी को उम्मीद है कि इस बार उनके सेक्टर के लिए केंद्र सरकार बड़े एलान करेगी। ऐसी उम्मीदें रखना लाजमी भी है, क्योंकि आने वाले एक साल तक उनके लिए सभी विकास कार्य इसी बजट की राशि से होंगे। इन सब के बीच रक्षा बजट भी एक ऐसा विषय है, जिस पर देशवासियों की निगाहें टिकी हुई हैं। पाक-चीन के बीच बढ़ता गठजोड़ भारत के लिए खतरे का संकेत है। इसी वजह से इस साल के रक्षा बजट में बड़े एलान हो सकते हैं।
21वीं सदी में रक्षा क्षेत्र की जरूरतें भी आधुनिक हो गई हैं। भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना सभी की अपनी जरूरतें हैं। तीनों सेनाओं की मशीनरी बड़े स्तर पर पुरानी पड़ चुकी हैं। सेना की ज्यादातर बंदूकें, तोप अब भी 90 के दशक वाली ही हैं। नौसेना की पनडुब्बियां पुरानी हो चुकी हैं तो वायुसेना के मिग-21 जैसे विमान फ्लाइंग कॉफिन बन चुके हैं। इन सभी बदलाव के लिए अच्छे-खासे बजट की आवश्यकता है। ऐसे में सेना भी रक्षा बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठी है।