यूपी इलेक्शन 2022: जहां टिकट मिला वहीं के हो लिए

भारतीय जनता पार्टी हो या समाजवादी पार्टी। बहुजन समाज पार्टी हो या कांग्रेस। सभी पार्टियों ने ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया है जो सुबह किसी पार्टी में थे, दोपहर को किसी दल में चले गए, टिकट को लेकर दाल नहीं गली तो शाम को किसी और दल में पहुंचकर टिकट ले आए और चुनावी मैदान में उतर गए। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में ऐसे एक नहीं कई नेताओं की कहानियां हैं जो सुबह कुछ थे शाम को कुछ और अगले दिन कुछ हो गए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा हर चुनाव में होता है। पांच साल तक पार्टी के लिए काम करने वाले जमीनी दावेदारों को ऐसी दशा में महज सहानुभूति ही मिलती है।