यूक्रेन संकट के बीच नाटो का बड़ा प्लान

साल 1949 में नाटो के मुख्य सदस्य बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका थे। लेकिन अब सदस्य देशों की संख्या 30 हो गई है।
रूस और यूक्रेन में चल रही जंग के बीच नाटो ने बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है। दरअसल, नाटो के सैनिक और उसके सहयोगी सोमवार से नॉर्वे में एक प्रशिक्षण अभ्यास शुरू करेंगे। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नाटो देशों को खुद का बचाव करना है। यह अभ्यास रूस की सीमाओं से कुछ दूर नॉर्वे के पास आयोजित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में 27 देशों के करीब 30,000 सैनिक, 200 विमान और 50 जहाज इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे, जो इस साल नाटो सैनिकों की सबसे बड़ी संख्या है। बता दें कि शुक्रवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि वह तीसरे विश्व युद्ध के अंत तक नाटो की रक्षा करेंगे, लेकिन वह यूक्रेन में रूस से लड़कर एक व्यापक संघर्ष को बढ़ाने का जोखिम नहीं उठाएंगे और नो-फ्लाई जोन स्थापित करने से भी इनकार करेंगे।