6 महीनो में महाराष्ट्र के लगभग 458 किसानों ने की आत्महत्या

मुंबई
महाराष्ट्र में 1972 के बाद से अब तक का सबसे भयंकर सूखा पड़ा है। महाराष्ट्र संभागीय आयुक्त कार्यालय की ओर से साझा जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के मराठवाड़ा के आठ जिलों में एक जनवरी से 15 जुलाई के बीच 458 किसानों ने परेशान एवं हताश में कथित तौर पर आत्महत्या की है। राज्य के 26 बांधों में पानी का स्तर 18 मई को शून्य तक पहुंच गया था। सूखे से सबसे अधिक प्रभावित राज्य का मराठवाड़ा इलाका है। इस इलाके के आठ जिलों में एक जनवरी से 15 जुलाई के बीच 458 किसानों ने कथित तौर पर आत्महत्या की है। संभागीय आयुक्त कार्यलय ने इस बात की जानकारी दी है। संभागीय आयुक्त कार्यालय से जारी आकड़ों के मुताबिक, किसानों की आत्महत्या का सबसे अधिक मामला बीड जिले से सामने आया है। 6 महीन में यहां के 104 किसानों ने आत्महत्या की है। वहीं पास के हिंगोली जिले में 20 किसानों ने आत्महत्या की है। सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके का बीड जिला ही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आत्महत्या करने वाले 458 किसानों में से 336 किसान सहायता राशि प्राप्त करने के योग्य थे। संबंधित जिला प्रशासन ने ज्यादा मामलों में परिवार को सहायता राशि मुहैया कराई है। महाराष्ट्र का मराठवाड़ा इलाका किसानों के लिए काल बन गया है। मौसम की मार यहां के किसानों के लिए जान पर बन आती है। यहां के किसानों के लिए सूखा तो समस्या है ही इसके अलावा अन्य मौसम में भी यहां के किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि राज्य में अब हो रही बारिश कुछ राहत लेकर आई है।