कश्मीर पर मध्यस्थता का सवाल पैदा नहीं होता – राजनाथ

कश्मीर पर मध्यस्थता का सवाल पैदा नहीं होता – राजनाथ
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर में मध्यस्थता के बयान को लेकर लोकसभा में बवाल अभी थमा नहीं है। विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में आकर स्पचष्टीभकरण देने की मांग पर अड़ी है। इस बीच आज संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोक सभा में कश्मीसर पर मध्य स्थ ता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रंपति डोनाल्डे ट्रंप के बयान पर जवाब दिया। उन्हों ने विदेश मंत्री के बयान पर सहमति जताई और कहा, ‘पाकिस्ताटन के साथ कश्मीरर पर नहीं पाक अधिकृत कश्मीार के मसले पर भी बात होगी।‘ उन्हों ने आगे कहा, ‘राष्ट्रकपति ट्रंप व प्रधानमंत्री मोदी के बीच कश्मी र मसले पर चर्चा नहीं हुई। कश्मी र में मध्यस्थता का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि यह शिमला समझौता के विरुद्ध है।’ शिमला समझौते का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मध्यस्थता स्वीकार करने का का कोई सवाल ही नहीं क्योंदकि ऐसा करने से शिमला समझौता का उल्लंघन होगा। हम राष्ट्रीय स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं करेंगे।’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘जहां तक हमारे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच वार्ता का सवाल है तो यह वाकया जून का है। विदेश मंत्री ने भी स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री की कोई बातचीत नहीं हुई। इससे अधिक प्रमाणिक कोई और बयान नहीं हो सकता। जिस समय प्रधानमंत्री जी और राष्ट्रपति के रूप में बात हुई थी उस वक्त विदेश मंत्री वहां मौजूद थे।’ गृह मंत्री ने कहा, सरकार राष्ट्र के स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं करेगी।  इस दौरान कांग्रेस ने वॉकआउट कर अपना विरोध दर्शाया। हालांकि विदेश मंत्री ने दोनों सदनों में इसपर जवाब देकर बता दिया है कि ट्रंप व पीएम मोदी के बीच कश्मीशर मसले पर कोई चर्चा ही नहीं की गई। साथ ही उन्होंपने यह भी कहा था कि कश्मीचर मामले में भारत पाक के अलावा तीसरा मुल्कग नहीं आ सकता क्योंएकि यह शिमला समझौते के खिलाफ है। कांग्रेस के वॉकआउट पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘लोकतंत्र में परस्पर विश्वास बहुत महत्वपूर्ण होता है। मैं विपक्ष के प्रश्नों का जवाब सत्ता पक्ष की तरफ से दूंगा, लेकिन कांग्रेस के सदस्यों ने वॉकआउट किया है। सरकार सवालों के जवाब के लिए तैयार है, लेकिन ऐसे वक्त में वॉकआउट करना वादाखिलाफी जैसा है।’

झौता के विरुद्ध है।’

शिमला समझौते का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मध्यस्थता स्वीकार करने का का कोई सवाल ही नहीं क्‍योंकि ऐसा करने से शिमला समझौता का उल्‍लंघन होगा। हम राष्ट्रीय स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं करेंगे।’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘जहां तक हमारे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच वार्ता का सवाल है तो यह वाकया जून का है। विदेश मंत्री ने भी स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री की कोई बातचीत नहीं हुई। इससे अधिक प्रमाणिक कोई और बयान नहीं हो सकता। जिस समय प्रधानमंत्री जी और राष्ट्रपति के रूप में बात हुई थी उस वक्त विदेश मंत्री वहां मौजूद थे।’ गृह मंत्री ने कहा, सरकार राष्ट्र के स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं करेगी।  इस दौरान कांग्रेस ने वॉकआउट कर अपना विरोध दर्शाया। हालांकि विदेश मंत्री ने दोनों सदनों में इसपर जवाब देकर बता दिया है कि ट्रंप व पीएम मोदी के बीच कश्‍मीर मसले पर कोई चर्चा ही नहीं की गई। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा था कि कश्‍मीर मामले में भारत पाक के अलावा तीसरा मुल्‍क नहीं आ सकता क्‍योंकि यह शिमला समझौते के खिलाफ है। कांग्रेस के वॉकआउट पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘लोकतंत्र में परस्पर विश्वास बहुत महत्वपूर्ण होता है। मैं विपक्ष के प्रश्नों का जवाब सत्ता पक्ष की तरफ से दूंगा, लेकिन कांग्रेस के सदस्यों ने वॉकआउट किया है। सरकार सवालों के जवाब के लिए तैयार है, लेकिन ऐसे वक्त में वॉकआउट करना वादाखिलाफी जैसा है।’

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