करंसी पॉलिसी को बनाए रखना किसी एक देश की नहीं बल्कि IMF की जिम्मेदारी

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि करंसी पॉलिसी को बनाए रखना किसी एक देश की नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे किसी एक देश द्वारा दूसरे देश पर एक्सचेंज रेट में साठगांठ करने का आरोप लगाना आधिपत्य जमाने जैसा दिखाई देता है। सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंउल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत और चीन पर करंसी एक्सचेंज रेट को मजबूत बनाए रखने के लिए साठगांठ करने का आरोप लगाते रहे हैं। ट्रंप तो यहां तक भी कहते रहे हैं कि रिजर्व बैंक का बाजार से डॉलर की खरीदारी करना एक्सचेंज रेट को एक स्तर पर बनाए रखना जैसा करतब है। करंसी पॉलिसी से जुड़े मुद्दे को लेकर चिंतित दास ने किसी देश का नाम लिए बगैर करंसी एक्सचेंज रेट्स और भुगतान के सही तरह से प्रबंधन के लिए सामूहिक तौर पर प्रयास करने और बहुपक्षीय सिद्धांत और रूपरेखा सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुपक्षीय व्यवस्था होनी चाहिए इसके ऊपर द्विपक्षीय रूप से आधिपत्य जमाने जैसी बात नहीं होनी चाहिए। दास ने सवाल उठाया कि किस तरह कुछ देश किसी अन्य देश को करंसी में गड़बड़ी’ करने वाला बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप द्विपक्षीय नहीं होने चाहिए क्योंकि इस संबंध में नीति तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष जैसे बहुपक्षीय संस्थाएं मौजूद हैं। गवर्नर ने कहा कि आईएमएफ जैसी मौजूदा संस्थाओं को ‘मजबूत, प्रासंगिक एवं विश्वसनीय बनाना’ आगे के लिए सबसे अच्छा रास्ता है।