दुष्कर्म, पीट पीट कर हत्या… आखिर हम किस युग में जी रहे है..?

दुष्कर्म, पीट पीट कर हत्या… आखिर हम किस युग में जी रहे है..?
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किसी एक राज्य में लोक ब़डे सुख चैन अमन से रह रहे थे। राजा भी परोपकारी था। लेकिन उनके सिपह सालार में कुछ एसे भी थे। जो जनता पर अत्याचार करते थे। एसे ही एक सिपह सालार ने एक युवती को नौकरी झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। वह सत्ता के साथ जुडा हुआ था, इसलिए पीड़िता की किसी ने नहीं सुनी, आखिर एक दिन वह राजा के दरबार गई लेकिन सिपाहीओं ने राजा से मिलने नहीं दिया। दुखी पीड़िताने राज दरबार के द्वार पर ही आत्मदाह का प्रयास किया और आखिर यह बात राजा तक पहुंची और जिसपर दुष्कर्म का आरोप था उसके खिलाफ जांच के आदेश दिय़े गये। इस बिच सत्ता के मद में चुर आरोपीने पीडिता के पिता की पिटवाई करवा दी और वे चल बसे। राज्य की और से पीड़िता को सुरक्षा प्रदान की गई। लेकिन जब एन मौके पर पीडिता को बचाने का मौका आया तब सुरक्षाकर्मी नदारद नजर आये। पीड़िता जिस रथ में बैठकर जा रही थी उस पर हमला हो गया। हमले में पीडिता घायल हो गई। हमले में पीड़िता के दो लोगो की मौत हो गई। पीड़िता को उपचार के लिए रूगणालय ले जायी गई। इसकी खबर फैलते ही राज्य में शोर-शराबा शूरू हो गया। प्रतिपक्ष ने दुष्कर्म करने वाले बाहुबली पर ऊंगली उठाई। मामला तूल पकडता गया और आखिर राजाने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। इस पीड़िता के परिवारजनो पर काफि दमन गुजारा गया। पिछले पिछले मामले निकाले गये और काफि परेशान किय़े गए। पीड़िता के कुछ परिजन भी संदिग्ध हालात में मारे गये। पीड़िता को भी मारने का पूरा पूरा प्लान था लेकिन पीड़िता बच गई। यह एक एसी कहानी है जिसमें यदि आप सत्ता में चूर किसी के खिलाफआवाज़ उठायेंगे, उनकी मनमानी के खिलाफ आवाज़ उठायेंगे और यदि वे दुष्कर्म भी करे तो भी यदि आवाज़ उठाई तो इसका अंजाम क्या होगा या क्या हो सकता है। यह पुरी दुनिया जान रही है। क्या सत्ता में बैठे कोई किसी की भी इज्ज़त ले ले, उसकी आबरू के साथ खिलवाड करे और यदि पीड़िता और उसका परिवार आवाज उठाये तो क्या ये जुर्म है..? क्या किसी राज्य में एसा ही चलता रहेगा ? सत्ता के साथ जुडे लोग किसी कर्मी की पिटाई कर दे, किसी पर किचड उछाल दे, बच्चा चोर समजकर किसी को पिट पिटकर मार दे तो क्या ये एसा ही चलता रहागा…क्या इसके खिलाफ बोलना यानि राजा के खिलाफ बोलने के आरोप में दंडित किय़े जायेंगे ? क्या इसी तरह राज चलता रहेगा..क्या इसी तरह दंडित करेंगे क्या ये 21मी सदी है या कोई मध्यकालिन युग है…आखिर हम किस युग में जी रहे है…? राजा ने अपने मन की बात बताई सत्ता से जुडे लोगो से किसी कि मनमानि नहि चलेगी, बेटा चाहे किसी का भी हो यदि वह गलत करता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखाना होगा। पिटाई करने वालो को बख्शा नहीं जायेगा। मन की बात तो कह दी राजा ने लेकिन उसका पालन हुआ क्या..? इस कहानी का भारत नाम के किसी राज्य से कोई ताल्लूक नहीं है क्योंकि वहा तो राम राज्य कब का आ चुका है। इसलिये कोई अपने दिल पर मत लेना यारो..!

Admin

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