स्वर्णिम अक्षरों में आज का दिन

नई दिल्ली। हमारी एक साल पुरानी ख़बर की भविष्यवाणी आज जम्मू कश्मीर को लगभग तीन हिस्सों में बांटने के साथ सत्य साबित हो गयी है। आज सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने देश की संसद में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की सारी धाराओं को खत्म करने की घोषणा की। इस तरह जम्मू कश्मीर की सीधी लगाम अब केंद्र के हाथों में होगी। जबकि लद्दाख को अलग केंद्रशासित राज्य बना दिया गया है। हमने एक साथ पहले ही एक स्टोरी प्रकाशित की थी कि “जम्मू कश्मीर को तीन हिस्सों में बांटने की तैयारी में मोदी सरकार?” सरकार के इस निर्णय को जहां कांग्रेस ने जोरदार तरीके से विरोध किया वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सरकार के निर्णय का समर्थन किया है। सुबह 11 बजे संसद शुरू होते हुए राज्यसभा में मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में एक संकल्प पेश किया, जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। शाह ने कहा कि 1950 और 1960 के दशकों में तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने इसी तरीके से अनुच्छेद 370 में संशोधन किया था। हमने भी यही तरीका अपनाया है। शाह ने बताया कि राष्ट्रपति धारा 370 को खत्म करने वाले राजपत्र पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। बिल पेश करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि हम विपक्ष के एक-एक सवाल का तब तक जवाब देंगे जब तक कि विपक्ष संतुष्ट नहीं हो जाए। इसके बाद शाह ने भारत के संविधान की अनुच्छेद 370 के खंड 1 के सिवा इस अनुच्छेद का कोई खंड लागू नहीं रखने की सिफारिश की। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 सदन में पेश किया गया। शाह ने कहा, ‘महोदय, मैं संकल्प प्रस्तुत करता हूं कि यह सदन अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी की जाने वाली निम्नलिखित अधिसूचनाओं की सिफारिश करता है। संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि यह दिनांक जिस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और इसे सरकारी गैजेट में प्रकाशित किया जाएगा उस दिन से अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे, सिवाय खंड 1 के’ शाह ने विपक्ष के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि वह सदन को विश्वास दिलाते हैं कि धारा 370 का खत्म होना कश्मीर के लोगों के हित में है। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद साहब कहते हैं कि यह गैरसंवैधानिक तरीका है। मैं इस पर वाद-विवाद करने के लिए तैयार हूं। बता दें कि सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक घंटे लंबी बैठक चली। समझा जाता है कि इस बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की और धारा 370 को खत्म करने का फैसला किया। इससे पहले शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिए केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की, जहां चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी। शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिविजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है। सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा। क फैसला करते हुए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने देश की संसद में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की सारी धाराओं को खत्म करने की घोषणा की। इस तरह जम्मू कश्मीर की सीधी लगाम अब केंद्र के हाथों में होगी। हमने एक साथ पहले ही एक स्टोरी प्रकाशित की थी कि “जम्मू कश्मीर को तीन हिस्सों में बांटने की तैयारी में मोदी सरकार?” सरकार के इस निर्णय को जहां कांग्रेस ने जोरदार तरीके से विरोध किया वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सरकार के निर्णय का समर्थन किया है।