प्रणब मुखर्जी के साथ नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भी दिया जाएगा भारत रत्न

नई दिल्ली
प्रणब मुखर्जी के अलावा भारत का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख और असम के प्रख्यात गायक भूपेन हजारिका को भी दिया जाएगा। प्रणब मुखर्जी के अलावा इन दोनों ही हस्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जाना है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को गुरुवार को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मुखर्जी के अलावा यह पुरस्कार मरणोपरांत सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुक और ख्यातिप्राप्त असमिया गायक भूपेन हजारिका को भी दिया जाना है। इसी साल की शुरुआत में इन तीनों को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई थी।
प्रणब मुखर्जी ने भारतीय राजनीति में लंबी पारी खेली है। उन्होंने अपना करियर कोलकाता के डिप्टी अकाउंटेंट जनरल कार्यालय में बतौर क्लर्क शुरु किया था। उनकी मेहनत और बुद्धिमत्ता उन्हें न सिर्फ राजनीति में लाई बल्कि उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में इतना अच्छा काम किया कि भारत के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए यानी राष्ट्रपति बने। प्रणब मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के एक छोटे से गांव मिराटी में एक ब्राह्मण परिवार में 11 दिसंबर, 1935 में हुआ था। उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी अपने क्षेत्र के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल थे। आजादी की लड़ाई के दौरान वे 10 साल जेल में भी रहे थे। उनके पिताजी 1920 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के सक्रिय सदस्य बन गए थे। 1947 में देश की आजादी के बाद भी वे राजनीति में सक्रिय रहे और 1952 से 1964 तक वे पश्चिम बंगाल विधान परिषद के सदस्य भी रहे। प्रणब मुखर्जी ने पिता के सहयोग से ही राजनीति में प्रवेश किया था।